क्या आपने कभी सोचा है कि चाँद पर इंसान अपना घर बना सकता है? यह सपना अब हकीकत बनने के करीब है! इसरो के वैज्ञानिकों ने एक अद्भुत खोज की है - चांद की सतह के नीचे उम्मीद से कई गुना ज़्यादा बर्फ मौजूद है! इस बर्फ को खोदकर निकाला जा सकता है, और इसका इस्तेमाल चांद पर इंसानों के लिए पानी और ऑक्सीजन बनाने में किया जा सकता है. यानी, चाँद पर मानव बस्तियाँ बनाने का रास्ता साफ हो सकता है!
यह खोज इसरो, आईआईटी कानपुर, यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया, जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी और आईआईटी-आईएसएम धनबाद के वैज्ञानिकों ने मिलकर की है. उन्होंने पाया कि चाँद की सतह से सिर्फ दो-चार मीटर नीचे बर्फ का विशाल भंडार छिपा है. यह बर्फ चाँद के दोनों ध्रुवों पर मौजूद है, और पहले की गणना से पांच से आठ गुना ज़्यादा है! जमीन में ड्रिलिंग करके इस बर्फ को बाहर निकाला जा सकता है.
अब सवाल यह है कि यह बर्फ चाँद पर कैसे पहुंची? वैज्ञानिकों का मानना है कि लाखों साल पहले, जब चांद का निर्माण हो रहा था, ज्वालामुखी विस्फोटों से निकली गैसें धीरे-धीरे जमकर बर्फ में बदल गईं. इसरो के मुताबिक यह इंब्रियन काल का मामला है. यह बर्फ आज भी चांद की सतह के नीचे सुरक्षित है.
Water on Moon? 🌕 A research study by scientists from ISRO's SAC has revealed the enhanced possibility of water ice occurrence in the polar craters of the Moon. Published in the journal International Society for Photogrammetry and Remote Sensing, the study uncovered that the… pic.twitter.com/0TiNebqZSn
— Republic (@republic) May 2, 2024
इस खोज से दुनिया भर की स्पेस एजेंसियाँ उत्साहित हैं. अगर हम इस बर्फ को निकालने में कामयाब हो जाते हैं, तो चाँद पर इंसानों के लिए लंबे समय तक रहना संभव हो सकता है. इस बर्फ से पानी और ऑक्सीजन बनाया जा सकता है, जो इंसानों के जीवन के लिए ज़रूरी है. साथ ही, इस बर्फ का इस्तेमाल रॉकेट के ईंधन बनाने में भी किया जा सकता है.
इसरो के चंद्रयान-2 ऑर्बिटर और अमेरिका के लूनर रीकॉन्सेंस ऑर्बिटर से मिले डेटा के विश्लेषण से यह खोज संभव हुई है. अब वैज्ञानिक इस बर्फ के बारे में और जानकारी जुटाने के लिए काम कर रहे हैं.