केरल हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा कि कोई बैंक कर्ज न चुकाने वाले कर्जदारों की फोटो और विवरण प्रकाशित करके उन्हें कर्ज चुकाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता. न्यायमूर्ति मुरली पुरुषोत्तमन की उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि इस तरह के कृत्य किसी व्यक्ति के सम्मान और प्रतिष्ठा के साथ जीने के अधिकार का हनन करते हैं. "उधारकर्ताओं को उनकी प्रतिष्ठा और निजता को नुकसान पहुंचाने की धमकी देकर कर्ज चुकाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. सार्वजनिक रूप से चूक करने वाले कर्जदारों की फोटो और अन्य विवरणों का प्रकाशन या प्रदर्शन, कर्जदारों के सम्मान और प्रतिष्ठा के साथ जीने के अधिकार का हनन होगा. यह भी पढ़ें: HC on Sex on Marriage Promise: केरल हाईकोर्ट ने उस व्यक्ति के खिलाफ रेप का मामला रद्द करने से इनकार कर दिया जिसने यह कहकर शादी का प्रस्ताव वापस ले लिया था कि ‘सेक्स वादा नहीं है’

जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से इस तरह का वंचन कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही किया जा सकता है," केरल राज्य के हाई कोर्ट ने कहा. उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि इस तरह के कृत्य संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत किसी व्यक्ति के अधिकार का हनन करते हैं. न्यायालय ने यह भी कहा कि यह किसी अधिनियम या नियम में उल्लिखित वसूली का तरीका नहीं है.

'बैंक लोन न चुकाने वाले उधारकर्ताओं की तस्वीरें प्रकाशित कर उन्हें भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते'- केरल हाई कोर्ट

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