
नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा राज्य के बजट दस्तावेज में रुपये के आधिकारिक प्रतीक (₹) की जगह तमिल अक्षर का उपयोग करने पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे क्षेत्रीय भाषाई गर्व की आड़ में 'भारत की एकता को कमजोर करने वाला और अलगाववादी मानसिकता को बढ़ावा देने वाला कदम' बताया.
निर्मला सीतारमण ने अपने पोस्ट में कहा कि तमिलनाडु सरकार का यह कदम महज प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता की प्रतिबद्धता को कमजोर करता है. उन्होंने इस पर सवाल उठाया कि जब 2010 में तत्कालीन कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने रुपये के प्रतीक को आधिकारिक रूप से अपनाया था, तब डीएमके ने इस पर आपत्ति क्यों नहीं जताई थी? गौरतलब है कि उस समय डीएमके केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा थी.
स्टालिन ने तमिलनाडु के बजट में रुपये का सिबंल ही बदल डाला, जानें '₹' की जगह तमिल में क्या लिखा.
निर्मला सीतारमण ने बताया 'खतरनाक मानसिकता'
The DMK government has reportedly removed the official Rupee symbol ‘₹’ from the Tamil Nadu Budget 2025-26 documents, which will be presented tomorrow.
If the DMK (@arivalayam) has a problem with ‘₹’, why didn’t it protest back in 2010 when it was officially adopted under the…
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) March 13, 2025
सीतारमण ने आगे कहा कि रुपये का आधिकारिक प्रतीक न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय मुद्रा की पहचान को मजबूत करता है, बल्कि वैश्विक वित्तीय लेन-देन में भारत की उपस्थिति को भी रेखांकित करता है. उन्होंने सवाल किया कि जब भारत UPI के जरिए सीमा-पार भुगतान प्रणाली को आगे बढ़ाने में जुटा है, तो क्या हमें अपने ही राष्ट्रीय मुद्रा प्रतीक को कमजोर करना चाहिए?
रुपये का तमिल और संस्कृत से संबंध
सीतारमण ने यह भी बताया कि तमिल में प्रयुक्त 'ரூ' (रूपई) शब्द की जड़ें संस्कृत के 'रूप्य' शब्द में हैं, जिसका अर्थ 'चांदी का सिक्का' होता है. उन्होंने कहा कि यह शब्द प्राचीन तमिल व्यापार और साहित्य में गूंजता रहा है और आज भी तमिलनाडु और श्रीलंका में इसी नाम से मुद्रा प्रचलित है.
तमिलनाडु सरकार का तर्क
तमिलनाडु सरकार के इस फैसले पर सफाई देते हुए डीएमके प्रवक्ता ए. सारवनन ने कहा कि यह राष्ट्रीय प्रतीक को खारिज करने का प्रयास नहीं है, बल्कि तमिल भाषा को बढ़ावा देने का एक तरीका है. उन्होंने इसे हिंदी वर्चस्व के खिलाफ राज्य की सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने की दिशा में एक कदम बताया.
राजनीतिक विवाद
तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की आलोचना करते हुए कहा कि जिस रुपये के प्रतीक को एक तमिल युवक थुथूकुडी उदय कुमार ने डिजाइन किया था और जिसे पूरे भारत ने अपनाया, उसे हटाकर डीएमके सरकार क्या साबित करना चाहती है? उन्होंने इसे तमिल गौरव के खिलाफ बताया और स्टालिन सरकार पर 'भाषाई राजनीति' करने का आरोप लगाया.
भाषा विवाद और राजनीतिक संकेत
यह विवाद तमिलनाडु सरकार और केंद्र सरकार के बीच भाषा नीति को लेकर पहले से चल रहे टकराव को और बढ़ा रहा है. तमिलनाडु सरकार पहले ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में तीन-भाषा फॉर्मूले का विरोध कर रही है. डीएमके लंबे समय से हिंदी को अनिवार्य बनाने के किसी भी प्रयास का विरोध करती रही है, और इसे 'द्रविड़ मॉडल' के खिलाफ बताया गया है.