Data Breach: 10 में से 6 भारतीय अपने ऋण सेवा प्रदाताओं द्वारा व्यक्तिगत डेटा उल्लंघन की शिकायत करते हैं, जबकि 10 में से 4 बीमा प्रदाताओं या बैंकों को दोषी ठहराते हैं.

पिछले पांच वर्षों में लगभग 59 प्रतिशत मौजूदा ऋणों के साथ वैकल्पिक सेवा प्रदाताओं द्वारा ईमेल, फोन कॉल, एसएमएस और व्हाट्सएप के माध्यम से किसी अन्य ऋणदाता संस्थान में स्विच करने के लिए संपर्क किया गया है, जबकि मौजूदा बीमा पॉलिसी/पॉलिसियों वाले 40 प्रतिशत को ऋण दिया गया है. ऑनलाइन कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स की रिपोर्ट के मुताबिक विस्तृत प्रतिस्पर्धी पेशकश के साथ संपर्क किया गया.

इस बीच, बैंक खातों वाले 34 प्रतिशत लोगों से समान बैंक खाता खोलने के प्रस्ताव के साथ संपर्क किया गया है. इनमें से 23 फीसदी से कई बार और 11 फीसदी से एक-दो बार संपर्क किया गया.

रिपोर्ट में दिखाया गया है, "यह बड़े पैमाने पर डेटा उल्लंघन का संकेत देता है क्योंकि प्रेषक के पास किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत ऋण डेटा तक पहुंच होती है, जिसका उपयोग अवांछित लोन प्रस्तावों को भेजने के लिए किया जा रहा है."

As many as 6 in 10 Indians report personal data breach by their loan service providers while 4 in 10 blame #insurance providers or banks, a new report has revealed. pic.twitter.com/z0OB7XfYAc

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