'Atma Nirbhar Bharat' in Different Languages: कोरोना वायरस लॉकडाउन (Coronavirus) के बीच पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत अभियान (Atma Nirbhar Bharat Abhiyan) के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की, जिसके बाद से हर एक हिंदुस्तानी के जहन में एक ही शब्द गूंज रहा है और वो है आत्मनिर्भर भारत (Atma Nirbar Bharat). दरअसल, पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आर्थिक पैकेज के ऐलान के साथ ही आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता पर जोर दिया था. हालांकि कई लोग आत्म निर्भर भारत शब्द सुनने के बाद इस पर फनी चुटकुले खोजने में जुट गए, जबकि हकीकत में देखा जाए तो यह शब्द स्थानीय वस्तुओं और सेवाओं का उपयोग करने पर जोर देता है. यह भारत में निर्मित स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद करता है.
आत्मनिर्भर शब्द का मतलब स्वावलंबी होना है. पीएम मोदी के संबोधन के एक दिन बाद बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया. इसके साथ ही उन्होंने इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड को इसका पांच स्तंभ करार दिया. हालांकि आत्मनिर्भर भारत शब्द कई लोगों को भारी लग सकता है, इसे आसान बनाने के लिए चलिए जानते हैं 10 अलग-अलग भारतीय भाषाओं में इसका अनुवाद. यह भी पढ़ें: PM मोदी ने किया 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान, सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए इमरान खान, पाकिस्तान का भी जमकर उड़ रहा मजाक
1. तेलुगु में- స్వీయ ఆధారిత భారతదేశం (Svīya ādhārita bhāratadēśaṁ)
2. तमिल में- சுய சார்பு இந்தியா (Cuya cārpu intiyā)
3. बंगाली में- স্বনির্ভর ভারত (Sbanirbhara bhārata)
4. कन्नड में- ಸ್ವಯಂ ಅವಲಂಬಿತ ಭಾರತ (Svayaṁ avalambita bhārata)
5. मलयालम में- സ്വയം ആശ്രയിക്കുന്ന ഇന്ത്യ (svayaṁ āśrayikkunna intya)
6. गुजराती में- સ્વનિર્ભર ભારત (Svanirbhara bhārata)
7. पंजाबी में- ਸਵੈ ਨਿਰਭਰ ਭਾਰਤ (Savai nirabhara bhārata)
8. मराठी में- स्वावलंबी भारत (Svāvalambī bhārata)
9. उड़िया में- ଆତ୍ମ ନିର୍ଭରଶୀଳ ଭାରତ
10. ऊर्दू में- خود پر منحصر ہندوستان
गौरतलब है कि देश को कोरोना (Coronavirus) संकट से उबारने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए मोदी सरकार की ओर से बुधवार को कई बड़े ऐलान किए गए. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत छोटे उद्योग को सहारा देने के लिए 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी लोन देने की घोषणा की गई, जबकि 200 करोड़ से कम वाले सरकारी टेंडरो में सिर्फ भारतीय कंपनियां ही हिस्सा ले सकेंगी. इसमें कोई ग्लोबल टेंडर शामिल नहीं होगा और लघु, सूक्ष्म, मध्यम उद्योगों को फायदा पहुंचेगा.