
Vat Purnima 2025 Messages in Hindi: वट सावित्री (Vat Savitri) के व्रत के बाद अब सुहागन महिलाएं वट पूर्णिमा (Vat Purnima) का व्रत कर रही हैं, जिसे अखंड सौभाग्य के पर्व के तौर पर जाना जाता है. इस साल 10 जून 2025 को सुहागन महिलाएं वट पूर्णिमा का व्रत कर रही हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, वट पूर्णिमा के त्योहार को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जिसे विवाहित महिलाएं बड़े ही श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाती हैं. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना से निर्जल व्रत रखकर वट वृक्ष की विधि-विधान से पूजा करती हैं. बता दें कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन वट सावित्री के पर्व को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों में मनाया जाता है, जबकि उसके पंद्रह दिन बाद ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत में वट पूर्णिमा के पर्व को आस्था और विश्वास के साथ मनाया जाता है.
वट पूर्णिमा के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना से व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा करती हैं. पूजन के दौरान सत्यवान और सावित्री की कथा सुनी जाती है. पूजन के दौरान महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं और इसकी शुभकामनाएं दी जाती हैं. ऐसे में इस अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, शायरी और फोटो एसएमएस के जरिए प्रियजनों से हैप्पी वट पूर्णिमा कह सकते हैं.





प्रचलित पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत के जरिए सावित्री यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राणों को वापस लाई थीं, इसलिए इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना से व्रत रखती हैं. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ और सुंदर वस्त्र धारण करना चाहिए. इस दिन व्रत रखकर सोलह श्रृंगार करके महिलाएं वट वृक्ष के नीचे बैठकर पूजा-आराधना करती हैं. पूजा के समय शुद्ध जल और कच्चा दूध वट वृक्ष में अर्पित किया जाता है, फिर वृक्ष के तने में कच्चा सूत लपेटकर सात परिक्रमा की जाती है.