Shravan Maas 2021: कब शुरु हो रहा है श्रावण मास? जानें श्रावण मास की शिवरात्रि, जलाभिषेक एवं सोमवार के दिन का महत्व!
भगवान शिव (Photo Credits: Pixabay)

सनातन धर्म में श्रावण मास (Shravan Maas) का विशेष महत्व माना जाता है. इस वर्ष इस पवित्र मास की शुरुआत 25 जुलाई यानी रविवार से हो रही है. इस हिसाब से श्रावण का पहला सोमवार 26 जुलाई के दिन पड़ेगा. श्रावण मास 22 अगस्त तक रहेगा. इस तरह इस मास चार सोमवार पड़ेंगे, और चारों सोमवार के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अनुष्ठान करने का विधान है. चूंकि सोमवार भगवान शिव को समर्पित दिन होता है इसलिए श्रावण के दरम्यान पड़ने वाले हर सोमवार का दिन पवित्र दिन माना जाता है. इस दिन सुहागन स्त्रियां अपने सुहाग की रक्षा और अच्छी सेहत के लिए भगवान शिव के नाम व्रत रखती हैं और पूजा-अर्चना करती हैं कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए भगवान शिव का व्रत एवं पूजा करती हैं, मान्यता है कि भगवान शिव उनकी हर मनोकामनाएं पूरी करते हैं. आइये जानें इस दिन का महत्व, पूजा-विधि एवं शुभ मुहूर्त...

श्रावण मास के सोमवारों की तिथियां

पहला सोमवारः 26 जुलाई 2021

दूसरा सोमवार: 02 अगस्त 2021

तीसरा सोमवार: 09 अगस्त 2021

चौथा सोमवार: 16 अगस्त 2021

श्रावण का महत्व

हिंदू शास्त्रों में श्रावण मास के विशेष महात्म्य का उल्लेख है. इस माह शिव भक्त भगवान शिव की पूजा-अनुष्ठान करते हैं. कुछ लोग सोमवार के दिन तो कुछ लोग इस पूरे मास व्रत रखते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव अपने हर भक्तों की हर इच्छाओं को पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं. यूं तो यह व्रत सुहागन महिलाएं रखती हैं, लेकिन कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत के विधान को पूरा करती हैं.

कब है श्रावण मास की शिवरात्रि?

हिंदू पंचांगों में प्रत्येक मास में कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि पड़ती है, कुछ जगहों पर इसे श्रावणी शिवरात्रि भी कहते हैं. इस मास की शिवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन भगवान शिव का व्रत एवं पूजा करने से हर किस्म की बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान शिव पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों के सारे कष्टों को दूर करते हैं. इस मास में शिवरात्रि 6 अगस्त को पड़ रही है, जिसका पारण 7 अगस्त शनिवार के दिन किया जाएगा. यह भी पढ़ें : Matru Suraksha Diwas 2021: जानें मातृ सुरक्षा दिवस की महत्वपूर्ण बातें, कुछ कोट्स एवं मैसेज जिन्हें आप अपनी प्यारी मां से कर सकते हैं शेयर

श्रावण मास के शिवरात्रि की पूजा विधि

चतुर्दशी तिथि को प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान-ध्यान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें, और भगवान शिव के व्रत एवं पूजा का संकल्प लें. घर के मंदिर में भगवान शिव जी की प्रतिमा अथवा तस्वीर को साफ कर उन पर गंगाजल का छिड़काव करें. अब शिव जी के सामने धूप-दीप प्रज्जवलित कर भगवान शिव का आह्वान करें. भगवान शिव जी के मंत्र का उच्चारण करते हुए उन्हें 1001 विल्व-पत्र अर्पित करें. तत्पश्चात जल, दूध, इत्र, दही से रुद्राभिषेक करें. शिवलिंग पर धतूरा, भांग, गुड़, पुआ, हलवा, कच्चे चने, दूध की मिठाईयां आदि अर्पित करें. शिवरात्रि पर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से शिव जी भक्तों का हर कष्ट दूर कर मनोवांछित फलों का वरदान देते हैं. इसलिए इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक का विशेष महत्व माना जाता है.

शिव जी का मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।।

ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवद्र्धनम्

श्रावण शिवरात्रि 6 अगस्त (शुक्रवार) को पूजा का शुभ मुहूर्त

निशिता काल पूजा मुहूर्त: 7 अगस्त (शनिवार) 2021,

सुबह 12.06 बजे से 12. 48 बजे तक

पारण मुहूर्त: 7 अगस्त की प्रातः 05.46 बजे से दोपहर 03.45 बजे तक

सावन में कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि

चतुर्दशी आरंभ: 06 अगस्त 2021, शुक्रवार शाम 06.28 बजे से

चतुर्दशी समाप्त: 07 अगस्त 2021, शनिवार शाम 07.11 बजे तक