Monkeypox: दुनिया में तेजी से पैर पसार रहा है मंकीपॉक्स, कई देशों में फैला संक्रमण, जानें कारण और लक्षण
मंकीपॉक्स/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

Monkeypox Virus: दुनिया भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले भले ही कम हुए हों, लेकिन इस बीच दुनिया भर में मंकीपॉक्स (Monkeypox) तेजी से पैर पसार रहा है. यह वायरस दुनिया के कई देशों में कोहराम मचा रहा है और लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. चूहों (Rats) और बंदरों (Monkeys) जैसे संक्रमित जीवों से मनुष्यों में फैलने वाली इस बीमारी को मंकीपॉक्स नाम दिया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक, मंकीपॉक्स कोई नया वायरस नहीं है, क्योंकि इंसानों में इसका पहला केस साल 1970 में सामने आया था और अब एक बार फिर से इस वायरस से संक्रमित मरीज दुनिया के कई देशों से मिलने लगे हैं. आखिर मंकीपॉक्स है क्या? इसके कारण और लक्षण क्या है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं.

मंकीपॉक्स के कारण, लक्षण और निवारण के बारे में जानने से पहले हम आपको बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका में मंकीपॉक्स का पहला मामला दर्ज किया गया है.

अमेरिका में मंकीपॉक्स का पहला मामला

यह संक्रमण तेजी से दुनिया के कई देशों में अपने पैर पसार रहा है. स्पेन से इस संक्रमण के 7 नए मामले सामने आए हैं, जबकि पुर्तगाल में मंकीपॉक्स के 9 नए संक्रमित मरीज मिले हैं.

स्पेन और पुर्तगाल में मिले नए मरीज

वहीं कनाडा में भी मंकीपॉक्स तेजी से अपने पैर पसार रहा है. यहां इस संक्रमण के 13 नए संदिग्ध मामले रिपोर्ट किए गए हैं.

कनाडा में संक्रमण के 13 नए मामले

क्या है मंकीपॉक्स?

यह एक तरह का वायरल इंफेक्शन है, जो चूहों और बंदरों के जरिए इंसानों में फैल सकता है. इस वायरस से संक्रमित किसी जानवर के संपर्क में आने से यह वायरस इंसानों में फैल सकता है. देखने में यह बिल्कुल चेचक का बड़ा रूप लगता है और इसके लक्षण भी लगभग वैसे ही हैं. जानवरों से इंसानों में फैलने वाली इस बीमारी से संक्रमित मरीज को छूने या उसकी छींक व खांसी के संपर्क में आने से दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है. इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति की चीज़ों का इस्तेमाल करने से भी यह संक्रमण फैल सकता है.

मंकीपॉक्स वायरल ऑर्थोपॉक्स वायरस के परिवार से आता है, जिसमें वैरियोला वायरस भी शामिल है. वैरियोला वायरस से स्मॉल पॉक्स यानी छोटा चेचक की बीमारी होती है. विशेषज्ञों के अनुसार, मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक की तुलना में कम गंभीर होते हैं. यह भी पढ़ें: Monkeypox: इंग्लैंड में मंकीपॉक्स वायरल संक्रमण के दो और मामलों की पुष्टि, यहां पढ़ें इस बीमारी के लक्षण

मंकीपॉक्स के लक्षण

  • शरीर पर गहरे लाल रंग के दाने
  • मांसपेशियों में असहनीय दर्द
  • तेज सिरदर्द होना
  • ठंड लगने की शिकायत
  • निमोनिया हो जाना
  • शारीरिक थकान महसूस होना
  • तेज बुखार आना
  • शरीर में सूजन
  • ऊर्जा की कमी महसूस होना
  • शरीर के लाल चकत्ते का घाव बन जाना

कैसे करें बचाव?

वैसे तो इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति एक हफ्ते में ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ संक्रमितों में यह बीमारी गंभीर स्थिति तक पहुंच जाती है. हालांकि मंकीपॉक्स का अभी तक कोई सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है. ऐसे में इससे संक्रमित मरीजों में सिर्फ इसके लक्षणों को कम करने की कोशिश की जाती है. इलाज के दौरान मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को स्मॉलपॉक्स का टीका लगाया जाता है, जिससे इस संक्रमण को रोकने में काफी हद तक मदद मिलती है.

गौरतलब है कि ऐहतियात के तौर पर इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा जाता है, ताकि उसके जरिए यह संक्रमण किसी और तक न फैले. इसके साथ ही पीड़ित को मास्क का इस्तेमाल करने और स्वच्छता का विशेष तौर पर ख्याल रखने की सलाह दी जाती है.