कड़ाके की ठंड में हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और दमा जैसी बीमारियां हो सकती हैं खतरनाक, बरतें ये सावधानियां
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

Winter Health Care Tips: देश की राजधानी दिल्ली, एनसीआर समेत देश के विभिन्न अंचलों में पारा तेजी गिरने (Winters) लगा है. सूर्य पर शीत और कोहरे का असर यह हुआ है कि पिछले कुछ दिनों से सूर्य देवता भी शीत में कहीं दुबक से गये हों. परिणामस्वरूप विभिन्न अस्पतालों एवं प्राइवेट नर्सिंग होमों में हृदयाघात (Heart Attack), ब्रेन हेमरेज (Brain Stroke) और दमा (Asthma) जैसी कई बीमारियों (Diseases) मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही है. आइये दिल्ली स्थित डॉक्टर जीतेंद्र सिंह गुसाईं से जानें कि बढ़ती ठंड का बुरा असर किन-किन बीमारियों पर पड़ सकता है और इनसे उबरने के लिए आपातकाल परिस्थितियों में क्या-क्या (Winters Health Tips) करना चाहिए.

हार्ट अटैक

बढ़ती ठंड महज सर्दी-जुकाम को बढ़ावा नहीं देती, बल्कि कई गंभीर बीमारियों को भी अपनी चपेट में ले लेती है. निरंतर बढ़ती सर्द हवाओं एवं गिरते पारा के साथ ही हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज के साथ दमा, अस्थि रोगों के मरीजों की संख्या अस्पतालों में देखी जा सकती है. डॉक्टर जीतेंद्र सिंह के अनुसार ज्यादा ठंड बढ़ने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक्स के केस बढ़ना स्वाभाविक ही है, क्योंकि ठंड में अन्य अंगों की तरह हार्ट की नसें भी सिकुड़ती हैं, रक्त गाढ़ा होता है. ऐसी स्थिति में जिन मरीजों को दिल की आर्टरी (नसें) में पहले से कुछ ब्लॉकेज रहता है, उन्हें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. इन दिनों दिल की अन्य बीमारियों के मरीज कम हुए हैं पर हार्ट अटैक के बढ़ गए हैं. इसकी शुरुआत सीने में पीड़ा अथवा ऐठन महसूस होने के साथ पसीना आना, सांस फूलना, रात में नींद नहीं से होती है, जो निरंतर बढ़ती जाती है. सीने में ऐंठन और घबराहट महसूस होने पर एस्प्रिन का टैबलेट लिया जा सकता है. धूम्रपान की लत है तो हरगिज धूम्रपान नहीं करें.

ब्रेन स्ट्रोक

नामचीन न्यूरो विशेषज्ञों का मानना है कि कंपकंपी और ठिठुरन भरी सर्दी से ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ जाते हैं. न्यूरो विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों में शरीर का रक्तचाप बढ़ जाता है, जिससे रक्त धमनियों में क्लॉटिंग होने से स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है. ब्रेन स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण रक्तचाप है. रक्तचाप अधिक होने पर मस्तिष्क की धमनी या तो फट सकती है या उसमें रुकावट पैदा हो सकती है. इसके अलावा सर्दी के मौसम में रक्त गाढ़ा हो जाता है, उसमें लसीलापन बढ़ जाता है. रक्त की पतली नलिकाएं संकरी हो जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. ज्यादा ठंड पड़ने या ज्यादा समय तक ठंडी का मौसम रहने से हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों की स्थिति गंभीर हो सकती है. सर्दी में अकसर लोग कम पानी पीते हैं, जिसके कारण रक्त गाढ़ा हो जाता है, इससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. यह भी पढ़ें: सर्दियों का पसंदीदा टाइमपास स्नैक है मूंगफली, जानिए ठंड में क्यों करना चाहिए इसका सेवन

दमा (अस्थमा)

वातावरण में एलर्जी होने से अकसर इसका खतरा दमा यानी अस्थमा की समस्याओं को बढा देता है. इस तरह की एलर्जी से श्वसन नलिका में सूजन आ सकती है, इससे फेफड़ों में पर्याप्त वायु नहीं पहुंच पाती जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है. ऐसी स्थिति में मरीज को धूल-गंदगी से अलग रखें, धूम्रपान न करें, पालतू जानवरों को मरीज से दूर रखें, और तत्काल चिकित्सक से सलाह लें.

सर्दी- जुकाम

गिरते पारे के साथ सर्दी जुकाम होना आम बात है. इसके सामान्य लक्षण हैं नाक से पानी बहना, निरंतर छींकें आना, बदन में पीड़ा, सिर में भारीपन महसूस होना. अगर सही समय में इसका इलाज नहीं कराया जाए तो मामूली सर्दी-जुकाम फ्लू में परिवर्तित हो जाता है, जो आगे चलकर गंभीर रुख अख्तियार कर सकता है.

आंखों की रोशनी पर पड़ता है असर

मेदांता अस्पताल के नेत्र चिकित्सक के अनुसार ठंड का प्रकोप बढ़ने पर आंखों की रोशनी पर असर पड़ता है. ठंड बढ़ने से रेटिना तक रक्त पहुंचाने वाली नसों में बाधा आती है. इससे सेंट्रल रेटिनल आर्टियरी ऑक्लूजन के कारण आंखों की रोशनी जा सकती है. पिछले कुछ दिनों से ऐसे कई मरीज देखने में आये हैं. इससे बचने के लिए बुजुर्गों को ज्यादा से ज्यादा गुनगुना पानी पीना चाहिए. अगर मरीज को लगे कि आंखों की रोशनी कम हो रही है तो उसे आई बॉल का मसाज करना चाहिए. इसके लिए नीचे की तरफ देखते हुए आंख को पांच सेकेंड तक दबाकर रखने के बाद छोड़ दें. इसे पांच बार करना चाहिए.

इन बातों का रखें ध्यान

  • ठंड से बचने के लिए शरीर को अच्छी तरह से ढंक कर रखें, खासकर सिर पर कैप पहनें.
  • ब्लड प्रेशर के मरीज अपनी दवाएं नियमित रूप से लें.
  • जब तक धूप नहीं निकले, बाहर जाने से परहेज रखें.
  • ज्यादा से ज्यादा गुनगुना पानी पीएं.
  • किसी अंग में कमजोरी या सुन्नपन आए तो फौरन डॉक्टर के पास पहुंचें.
  • जिनके हृदय में कोई समस्या है तो उन्हें विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इससे निमोनिया का भय रहता है. सर्दी के दरम्यान एक बार चिकित्सक से राय मशविरा जरूर कर लें. यह भी पढ़ें: सर्दियों में खाएं ये 5 सुपरफ़ूड, इम्यून सिस्टम होगा मजबूत

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स  पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.