इसमें कोई दो राय नहीं है कि ज्यादातर लोग बारिश के सुहाने (Rainy Season) मौसम का आनंद उठाने का मौका अपने हाथ से नहीं जाने देते हैं, भले ही वो बारिश (Rain) में भीगने के बाद बीमार ही क्यों न पड़ जाएं. हालांकि मानसून (Monsoon) में मौसमी बीमारियां (Monsoon Related Diseases) भी तेजी से अपने पैर पसारने लगती हैं, जबकि इस मौसम में सर्दी-जुकाम (Cough And Cold) और खांसी की समस्याएं भी ज्यादा बढ़ जाती हैं. आप बारिश के मौसम का आनंद स्वस्थ रहकर उठाते रहें, इसके लिए आपको समय-समय पर भाप यानी स्टीम (Steam) लेते रहना चाहिए. दरअसल, कुछ दिनों के अंतराल पर स्टीम लेकर आप स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं को टाल सकते हैं.
अगर आपको सर्दी-जुकाम जैसी कोई परेशान हो रही है तो भाप लेने से आपको राहत मिल जाएगी. चलिए जानते हैं बारिश के मौसम में भाप (Benefits of Steam) लेने से क्या फायदे होते हैं.
भाप लेने के पांच बेहतरीन फायदे-
1- अगर आप अस्थमा या फिर सांस से जुड़ी समस्याओं से आए दिन परेशान रहते हैं तो बारिश के मौसम में भाप लेना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. इससे आपको सांस से जुड़ी तकलीफों में फायदा होगा.
2- बारिश के मौसम में होने वाली सर्दी-जुकाम की समस्या से निजात पाने के लिए भाप लेना एक कारगर विकल्प है. इससे न सिर्फ आपको सर्दी से राहत मिलेगी, बल्कि जुकाम के कारण गले में जमा कफ भी आसानी से बाहर निकल जाएगा.
3- अगर आप चेहरे के मुंहासों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो बारिश के मौसम में अपनी त्वचा को भाप जरूर दीजिए. इससे त्वचा के रोमछिद्रों में जमी गंदगी आसानी से बाहर निकल जाएगी और मुहांसों से भी राहत मिलेगी. यह भी पढ़ें: बारिश के मौसम में रोजाना पीएं ये 5 हेल्दी ड्रिंक्स, बीमारियां रहेंगी आपसे कोसों दूर
4- धूल और प्रदूषण के कारण चेहरे पर जमा गंदगी को हटाकर त्वचा की प्राकृतिक तरह से सफाई करने के लिए भाप लेना एक बेहतरीन विकल्प है. नियमित रूप से भाप लेने पर प्राकृतिक रूप से स्किन में निखार आता है.
5- चेहरे के डेड स्किन को हटाने और झुर्रियों को कम करने के लिए भाप लेना एक अच्छा उपाय है. स्टीम लेने से चेहरे के डेड स्किन निकल जाते हैं, जिससे त्वचा में नई ताजगी और नमी आती है.
क्या है भाप लेने का तरीका?
एक बड़े कटोरे में पर्याप्त मात्रा में पानी मिला लें और उसमें जरूरत के हिसाब से हर्बल ऑइल मिला लें. इसके बाद सिर को किसी हल्के तौलिए से ढक लें और कटोरे से लगभग 30 सेंटीमीटर दूर बैठें. इस दौरान आपका सिर और पानी की कटोरा सही तरीके से तौलिए से ढका होना चाहिए. इसके बाद एक या दो मिनट तक नाक से सांस लें और फिर ब्रेक लें. इस क्रिया को बार बार 10 मिनट तक दोहराएं.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.