Ayurvedic Treatment for COVID-19: आंवला, अश्वगंधा और गिलोय से होगा कोरोना वायरस का खात्मा? आयुष मंत्रालय इन आयुर्वेदिक औषधियों पर कर रहा है अध्ययन
कोरोना से जंग (Photo Credit- PTI)

Ayurvedic Treatment for COVID-19: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है और इससे संक्रमित होने वाले मरीजों की तादात लगातार बढ़ रही है. कोविड-19 (COVID-19 Treatment) के इलाज और इससे बचाव के लिए वैक्सीन की खोज में दुनिया भर के वैज्ञानिक लगे हुए हैं. इतना ही नहीं भारत में भी इस वायरस से लोगों की जिंदगी बचाने और उन्हें जल्द से जल्द स्वस्थ्य करने के लिए देश की तमाम शोध एजेंसियां लगी हुईं हैं. सभी साथ मिलकर तमाम तरह की दवाइयों पर शोध (Research On Medicines) कर रहे हैं. जिनका प्रयोग करके लोग न सिर्फ अपनी रोग प्रतिरोधक (Immunity) क्षमता बढ़ा सकते हैं, बल्कि उन दवाइयों पर भी शोध चल रहा जिससे वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज किया जा सके. बात अगर आयुर्वेदिक दवाओं की करें तो आयुष मंत्रालय (Ministry Of AAYUSH) छह दवाओं पर शोध करवा रहा है.

आयुष मंत्रालय की वनस्पति औषधियों (Ayurvedic Medicines) के बारे में आयुष मंत्रालय में सलाहकार डॉ. मनोज नेसारी ने बताया कि अलग-अलग तरह की 6 चीजों पर रिसर्च चल रहा है. उन्होंने कहा कि अश्वगंधा पर दो तरह के शोध चल रहे हैं. पहला- इसका सेवन करने वाले को कोरोना वायरस होगा कि नहीं. दूसरा यह कि अगर किसी को वायरस का संक्रमण हो गया है तो उसे अश्वगंधा देने से कितना लाभ होता है. इसी तरह गिलोय, पिपरी पर शोध चल रहा है, जो संक्रमित मरीजों को दिया जा रहा है. मुलेठी के उपर भी शोध चल रहा है. इसके साथ ही आयुष-64 दवा है, जो 1988 में मलेरिया के लिए बनाई गई थी. पहले भी कई बीमारियों में आयुष-64 सफल दवा सिद्ध हुई है, इसलिए उम्मीद है कि वायरस के संक्रमण से ठीक होने में भी यह मदद कर सकती है. ये सभी शोध बड़े पैमाने पर आयुष मंत्रालय की देख रेख में हो रहा है.

डॉ. नेसारी ने यह भी बताया कि आयुष मंत्रालय सीएसआईआर, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के साथ मिलकर ऐसे ही कई शोध कार्य कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय भी इसमें सहयोग कर रहा है. आईसीएमआर समय-समय पर दिशा-निर्देश देता है। इस तरह सभी मिलकर दवाओं पर काम कर रहे हैं. यह भी पढ़ें: घर में कैसे बना सकते हैं आयुष काढ़ा? जानिए आयुर्वेद की किन औषधियों पर चल रहा है परीक्षण?

शरीर की इम्यूनटी न हो कम रखें ध्यान

तमाम देश वैक्सीन के लिए शोध कर रहे हैं. हांलाकि डॉ. नेसारी का कहना है कि वैक्सीन कब तक आएगी कुछ कहा नहीं जा सकता है, इसलिए लोगों को अपने सेहत का खयाल रखना होगा. गरम पानी पीना चाहिए, जहां तक हो सके ठंडा पानी पीने से बचें. ठंडा पानी से मतलब, फ्रिज का बर्फ वाला पानी न पिएं. आंवला के लिए च्यवनप्राश का सेवन कर सकते हैं. हल्दी और दूध काफी फायदेमंद हैं. गरम पानी से सुबह-शाम गरारा करने से गला साफ रहता है. इसके अलावा अणु का तेल आता है अगर नहीं है तो सरसों का तेल, नारियल, या तिल का तेल अगर ये भी नहीं है देसी घी की कुछ बूंदे दिन भर में चार-पांच बार नाक में डालें. इन छोटे-छोटे उपायों से लोग खुद का बचाव कर सकते हैं.

गिलोय, आंवला और अश्वगंधा का करें सेवन

इस दौरान उन्होंने कहा कि इम्यूनिटी एक दिन में नहीं बढ़ती इसलिए खान-पास का हमेशा ख्याल रखें. ताजा खाना चाहिए साथ ही 6-7 घंटे की गहरी नींद भी जरूरी है. वहीं उन्होंने तीन वनस्पितियों गिलोय, आंवला और अश्वगंधा का सेवन करने की भी सलाह. इनकी गोली भी आती है, गिलोय घनवटी नाम की दवा बाज़ार में उपलब्ध है.आम तौर पर इसकी एक गोली दो या ढाई मिलीग्राम की होती हैं। इसलिए 500 मिलीग्राम गोलियां यानी दो गोली सुबह-शाम हल्के गुनगुने पानी के साथ दो गोली ले सकते हैं.