Vishwakarma Puja 2025 Invitation Card: प्रियजनों के साथ मनाएं विश्वकर्मा पूजा का पर्व, ये इनविटेशन कार्ड भेजकर उन्हें करें इनवाइट
विश्वकर्मा पूजा 2025 (Photo Credits: File Image)

Vishwakarma Puja 2025 Invitation Card: जब नव ग्रहों के राजा सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करते हैं, तब कन्या संक्रांति (Kanya Sankranti) मनाई जाती है. इसी के साथ इस दिन विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) का भी पर्व मनाया जाता है, जिसका विशेष महत्व बताया जाता है. इस अवसर पर देशभर के कारखानों, कार्यस्थलों पर देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा  के साथ-साथ मशीनों और औजारों की विशेष पूजा की जाती है. हर साल इस पर्व को 16 या 17 सितंबर को मनाया जाता है. इस साल 17 सितंबर 2025 को विश्वकर्मा पूजा का पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन कारखानों और कार्यस्थलों पर विश्वकर्मा पूजा का भव्य आयोजन किया जाता है. अक्षत, फूल, चंदन, रोली, धूप, दीप, फल, मिठाई और पंचामृत इत्यादि सामग्रियों का पूजन में उपयोग किया जाता है. विश्वकर्मा जी की पूजा के बाद मशीनों और औजारों की भी पूजा की जाती है. पूजा के आखिर में सभी को प्रसाद वितरित किया जाता है.

विश्वकर्मा पूजा का यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह समाज में श्रम और कारीगरी के सम्मान को भी दर्शाता है. यह दिन हमें याद दिलाता है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता और हर कार्य का अपना महत्व होता है. इस पूजा में शामिल होने के लिए लोग अपने करीबियों और प्रियजनों को आमंत्रित करते हैं. ऐसे में आप भी इस पर्व को मनाने के लिए अपने प्रियजनों को ये इनविटेशन कार्ड भेजकर उन्हें इनवाइट कर सकते हैं. यह भी पढ़ें: Vishwakarma Jayanti 2025: कौन हैं भगवान विश्वकर्मा? कब, क्यों और कैसे मनाई जाती है विश्वकर्मा जयंती?

शुभ विश्वकर्मा पूजा
नमस्कार!
मैं आपको अपने निवास स्थान पर 17/9/2025 के दिन श्री विश्वकर्मा पूजा के लिए आमंत्रित कर रहा हूं, ताकि आपके परिवार के साथ मेरा पूरा परिवार इस उत्सव को हर्षोल्लास के साथ मना सके. ढेर सारे प्यार और इस निमंत्रण पत्र के जरिए मैं आपको सह-परिवार इस उत्सव में शामिल होने के लिए न्योता भेज रहा हूं, इसे स्वीकार कर मेरा मान बढ़ाएं.
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विश्वकर्मा पूजा 2025 (Photo Credits: File Image)

हिंदू धर्म की प्रचलति मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पकार कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि उन्होंने देवताओं के लिए अस्त्र-शस्त्र, महल और रथों का निर्माण किया. स्वर्ग लोक, द्वारका नगरी, इंद्र का वज्र, भगवान शिव का त्रिशूल और भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र, ये सभी भगवान विश्वकर्मा की ही अद्भुत रचनाएं हैं. यह पूजा इस बात का प्रतीक है कि हम जिन साधनों की मदद से अपनी आजीविका चलाते हैं, उनका सम्मान करना चाहिए. इसके साथ ही कहा जाता है कि जो भी सच्चे मन से भगवान विश्वकर्मा की पूजा करता है, उसके जीवन में धन-समृद्धि और सफलता का आगमन होता है.