Pithori Amavasya 2019: भाद्रपद महीने की पिठोरी अमावस्या 30 को, गंगा स्नान व पितरों के श्राद्ध का है खास दिन, जानिए इसका महत्व और पूजा विधि
पिठौरी अमावस्या 2019 (Photo Credits: Pixabay/File Image)

Bhadrapada Amavasya 2019: हिंदू धर्म में हर महीने पड़नेवाली अमावस्या (Amavasya) को गंगा स्नान (Ganga Snan), दान, पूजा और जप-तप के लिए खास माना जाता है. साल में पड़ने वाली बारह अमावस्याओं में भाद्रपद अमावस्या (Bhadrapada Amavasya) का विशेष महत्व बताया जाता है. इस साल भाद्रपद महीने की अमावस्या 30 अगस्त, शुक्रवार को पड़ रही है. भाद्रपद अमावस्या को पिठौरी अमावस्या (Pithori Amavasya), कुशग्रहणी और कुशोत्पाटनन भी कहा जाता है. इस दिन लोग पतित पावनी गंगा नदी (Ganga River) में डुबकी लगाते हैं. विशेष पूजा-पाठ और दान किए जाते हैं. इसके साथ ही इस अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है. मान्यता है कि पिठौरी अमावस्या के दिन पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध जैसे कर्म करने से उनका आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-शांति आती है.

पिठौरी अमावस्या पर मां दूर्गा (Maa Durga) की पूजा का विशेष महत्व बताया जाता है. इसके अलावा अपने पुत्र की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए महिलाएं व्रत रखकर मां पार्वती (Maa Parvati) की पूजा-अर्चना करती हैं.

कब है पिठौरी अमावस्या? 

पिठौरी अमावस्या तिथि- 30 अगस्त 2019, शुक्रवार

अमावस्या आरंभ- 29 अगस्त शाम 7.55 बजे से,

अमावस्या समाप्त- 30 अगस्त शाम 4.08 बजे तक. यह भी पढ़ें: Somvati Amavasya 2019: दरिद्रता को दूर करने के लिए सोमवती अमावस्या पर करें ये खास उपाय, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

माता पार्वती की करें पूजा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने देवराज इंद्र की पत्नी को पिठौरी अमावस्या की कथा सुनाई थी. कहा जाता है कि पिठौरी अमावस्या के दिन अपने पुत्र की लंबी उम्र और अच्छी सेहत के लिए महिलाओं को माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए. इस अवसर पर आटे से 64 देवियों की छोटी-छोटी प्रतिमा या पिंड बनाकर उन्हें नए वस्त्र पहनाने चाहिए. माता पार्वती की पूजा के लिए पूजा के स्थान को फूलों से सजाना चाहिए. पूजा के समय देवी को सुहाग की सभी सामग्रियां जैसे नई चूड़ी, साड़ी, सिंदूर आदि चढ़ाना चाहिए. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, पिठौरी अमावस्या के दिन व्रत करने से महिलाओं को बुद्धिमान और बलशाली पुत्र की प्राप्ति होती है.

भगवान शिव की करें पूजा

पिठौरी अमावस्या पर माता पार्वती के अलावा भगवान शिव की पूजा भी की जाती है. इस दिन शाम को प्रदोष काल में शिवजी की पूजा करनी चाहिए. कहा जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. इस दिन शाम को 4 बजे पूजा स्थान और घर के मुख्य द्वार पर एक दीपक जलाएं. एक थाली में एक आटे का दीपक सरसों के तेल से जलाएं. फिर थाली में अक्षत, फल और मिठाई रखें और थाली को पूरे घर में घुमाएं. इसके बाद घर से निकलकर पूर्व दिशा में जाएं और आटे का दीपक किसी शिव मंदिर में ऱख आएं. यह भी पढ़ें: Shanichari Amavasya: शनिश्चरी अमावस्या पर कुछ ऐसा करें तो दूर होगा शनि दोष, बिगड़े हुए काम बनेंगे

पिठौरा अमावस्या पर क्या करें?

पिठौरी अमावस्या के दिन सुबह उठकर गंगा स्नान करना चाहिए. अगर गंगा किनारे जाना संभव नहीं है तो किसी नदी या सरोवर में भी स्नान किया जा सकता है. अगर यह भी मुमकिन नहीं है तो थोड़ा सा गंगाजल अपने स्नान के पानी में मिला लें. स्नान के बाद पुरुष सफेद रंग के कपड़े पहनकर पितरों का तर्पण करें. पितरों के नाम पर चावल, सब्जी, दाल, दक्षिणा या पका हुआ भोजन दान करें. इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है.