Shanichari Amavasya: शनिश्चरी अमावस्या पर कुछ ऐसा करें तो दूर होगा शनि दोष, बिगड़े हुए काम बनेंगे
शनिदेव (Photo Credits: Facebook)

हिंदू पंचांग में अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिषियों के अनुसार सोमवार, मंगलवार अथवा शनिवार को अमावस्या पड़ता है तो यह किसी पर्व से कम नहीं होगा. व्यक्ति के जीवन में इस दिन का दान खास महत्व होता है. मुंबई के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश महाराज की मानें तो इस वर्ष यानी 2019 को पूरे साल में तीन शनिश्चरी अमावस्या का विशेष संयोग बन रहा है. पहली शनिश्चरी अमावस्या जनवरी में थी, दूसरी शनिश्चरी अमावस्या आगामी 4 मई को पड़ रही है.

यह वैशाख माह और शनि का दिन होने के कारण इसकी महत्ता कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है. अगर आपके ग्रह में शनि का कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है तो शनिश्चरी अमावस्या के दिन दोपहर के समय विशेष पूजा करने से शनि की पीड़ा शांत होती है. इस शनिश्चरी अमावस्या पर ग्रह नक्षत्रों का संयोग बन रहा है. इसे राजयोग भी कहा जाता है.

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इस दिवस विशेष पर थोड़ी सी भी कोशिश की जाये तो नई और बड़ी नौकरी मिल सकती है. हालांकि पुराने कार्य क्षेत्र में भी दिल लगाकर कार्य करने पर कई गुना ज्यादा धन की प्राप्ति हो सकती है. जहां तक व्यवसायियों की बात है तो इस दिन अगर वे सच्ची आस्था और लगन से शनि की उपासना करें तो व्यवसाय को चार चांद लग सकते हैं. इस दिन उपासक कच्ची घानी अथवा तिल के तेल का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें तो खासा लाभ हो सकता है.

इस दिन जातक अगर कच्ची घानी के तेल में बेसन की पकौड़ियां बना कर गरीबों अथवा ब्राह्मण को खिलाएं अथवा घर या व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर तिल के तेल का दीपक जलायें तो उम्मीद से कहीं बड़ी सफलता मिलती है.

अगर आप पितृ दोष के कारण लगातार कष्ट झेल रहे हैं तो पकी काली उड़द और पका चावल दान करना चाहिए. पितृदोष के पूजन के लिए पत्तल पर जौ, चावल, काले तिल, खीर और नींबू को रखकर पीपल के पेड़ के नीचे दोपहर में रख दें. इससे पितृ दोष खत्म हो जाता है.

इस शनि विशेष के दिन शनि पूजा में सावधानी बरतनी अत्यंत्यावश्यक है. वैसे भी अमावस्या के दिन शनिदेव की मूर्ति का दर्शन नहीं करना चाहिए, ना ही सरसों के तेल को बर्बाद करना चाहिए. इस विशेष दिन पर अपने व्यवहार में सरलता और सहजता लाते हुए गरीबों को दान दें, इससे शनि देव बहुत प्रसन्न होते है. इसके अलावा शनि को प्रसन्न करने के लिए निम्न बातों का भी ध्यान रखना चाहिए.

शनिश्चरी अमावस्या पर कुछ ऐसा करें

  • काले उड़द की दाल का दान करें.
  • इस दिन काले तिल या काले तिल के लड्डू दान देने से शनि की पीड़ा शांत होती है.
  • शनि ग्रह के दोषों को दूर करने के लिए शनिश्चरी अमावस्या के दिन सायंकाल पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीप प्रज्जवलित करें और पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा करते हुए उस पर सूत लपेटें.
  • वैसे तो प्रत्येक शनिवार को शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए, लेकिन व्यस्तता की वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा है तो शनिश्चरी अमावस्या पर शनि चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए.
  • शनिश्चरी अमावस्या पर चीटियों को आटा और शकर मिलाकर खिलाना चाहिए.