Magh Purnima 2019: माघ पूर्णिमा पर गंगाजल में विराजते हैं भगवान विष्णु, इस दिन स्नान और दान का है विशेष महत्व, जानें शुभ मुहूर्त 
माघ पूर्णमा 2019 (Photo Credits: Pixabay)

Magh Purnima 2019: हिंदू धर्म में माघ महीने (Magh Month) का विशेष महत्व बताया जाता है. इसे भगवान सूर्य (Bhagwan Surya) और भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) का माह बताया जाता है. माघ महीने की पूर्णिमा मंगलवार 19 फरवरी को है. इस बार की पूर्णिमा इसलिए भी बेहद खास है, क्योंकि इन दिनों प्रयागराज कुंभ मेले (Prayagraj Kumbh Mela) की जगमगाहट से गुलजार है. इसके अलावा महीने भर से चल रहा कल्पवास (Kalpwas) भी पूर्णिमा के दिन संपन्न हो जाएगा. सबसे खास बात तो यह है कि इस बार माघ पूर्णिमा पर (Magh Purnima) पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) का अद्भुत संयोग बन रहा है. पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा माना जाता है.

पद्म पुराण के अनुसार, माघ में जप-तप से भगवान विष्णु बेहद प्रसन्न होते हैं और माघ पूर्णिमा के दिन स्नान और दान-पुण्य करने से नरक लोक से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि इस दौरान गंगा स्नान करने से इसी जन्म में मुक्ति की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही व्यक्ति को धन-धान्य, सुख-समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति होती है.

गंगाजल में विराजते हैं श्रीहरि

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माघ महीने में देवता पृथ्वी पर निवास करते हैं, जबकि ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार, माघ पूर्णिमा पर स्वयं भगवान विष्णु गंगाजल में वास करते हैं, इसलिए कहा जाता है इस दिन गंगाजल को स्पर्श करने मात्र से भी स्वर्ग प्राप्ति का मार्ग खुल जाता है. इस दिन गंगा स्नान के बाद दान करने से ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है.

गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त

मान्यता है कि तारों की मौजूदगी में इस दिन पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद  भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. ध्यान और पूजा के बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार ब्राह्मणों और गरीबों में दान करना चाहिए.

शुभ मुहूर्त- सुबह 4 बजकर 21 मिनट से स्नान का शुभ मुहूर्त है, लेकिन स्नान पूरे दिन चलेगा. यह भी पढ़ें: Magh Purnima 2019: ‘माघी पूर्णिमा’ का महत्व, गंगा स्नान के बाद जप एवं दान से मिलता है मोक्ष

स्नान के बाद करें ये काम

  • गंगा स्नान के बाद भगवान सूर्य को प्रणाम करें.
  • 'ओम् घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का जप करें.
  • सूर्य को अर्घ्य देने के बाद माघ पूर्णिमा के व्रत का संकल्प लें.
  • स्नान के बाद भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करें.
  • पूजा के बाद दान-दक्षिणा करें और इस दौरान काले तिलों का इस्तेमाल करें.
  • इस दिन काले तिल से ही हवन और पितरों का तर्पण करें.
  • माघ पूर्णिमा के दिन झूठ बोलने से बचें.
  • वस्त्र, गुड़, कपास, घी, लड्डू, फल, कंबल, अन्न आदि चीजों का दान करें

कल्पवास होगा संपन्न 

सदियों से प्रयागराज स्थित संगम स्थल पर माघ महीने में कल्पवास करने की परंपरा चली आ रही है. बता दें कि हर साल पौष पूर्णिमा से कल्पवास आरंभ होता है और माघी पूर्णिमा के साथ संपन्न होता है. कहा जाता है कि माघ महीने में देवी-देवताओं का संगम तट पर निवास करते हैं, इसलिए इस दौरान कल्पवास का महत्व बढ़ जाता है.