Govatsa Dwadashi/Vasu Baras 2021 Images: वसु बारस पर अपनों संग शेयर करें गौ माता के ये मनमोहक WhatsApp Status, GIF Greetings, Photo SMS और वॉलपेपर्स
गोवत्स द्वादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

Govatsa Dwadashi/Vasu Baras 2021 Images: पांच दिवसीय दिवाली उत्सव (Diwali Festival) की शुरुआत यानी धनतेरस (Dhanteras) से ठीक एक दिन पहले मनाई जाने वाली गोवत्स द्वादशी (Govatsa Dwadashi) का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है, जिसे बछ बारस (Bach Baras), वसु बारस (Vasu Baras) और नंदिनी व्रत (Nandini Vrat) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन गौ माता और बछड़ों की पूजा की जाती है. इस अनोखे उत्सव को मनाकर लोग मानव जीवन में गौ माता के योगदान के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. यह पर्व दिव्य गाय नंदिनी को श्रद्धांजलि भी अर्पित करता है. इस दिन गौ माता और उसके बछड़े की पूजा की जाती है, क्योंकि यह हर इंसान को पोषण प्रदान करती है.

गोवत्स द्वादशी यानी वसु बारस के पर्व को भारत के कई हिस्सों में बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन गौ माता और बछड़े के पूजन से भक्तों को सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद मिलता है. इस खास अवसर पर आप अपनों को बधाई न दें, ऐसा कैसे हो सकता है. आप अपनों संग गौ माता के इन मनमोहक इमेजेस, वॉट्सऐप स्टेटस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस और वॉलपेपर्स को शेयर कर सकते हैं.

1- गोवत्स द्वादशी 2021

गोवत्स द्वादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

यह भी पढ़ें: Vasu Baras 2021 Hindi Wishes: गोवत्स द्वादशी पर अपनों के साथ इन हिंदी WhatsApp Messages, Facebook Greetings, GIF Images शेयर कर दें शुभकामनाएं

2- बछ बारस 2021

गोवत्स द्वादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

3- वसु बारस 2021

गोवत्स द्वादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

4- हैप्पी गोवत्स द्वादशी

गोवत्स द्वादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

यह भी पढ़ें: Vasu Baras 2021: कब है वासु बरस का पर्व? जानें इसकी पूजा-विधान एवं महत्व!

5- हैप्पी बछ बारस

गोवत्स द्वादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि इस दिन महिलाएं अपने बच्चों की खुशी और लंबी आयु की कामना से गोवत्स द्वादशी का व्रत करती हैं. इसके अलावा मान्यता है कि निसंतान दंपत्ति अगर इस दिन व्रत रखकर गाय और बछड़े का पूजन करते हैं, उनके यहां जल्द ही संतान प्राप्ति के योग बनने लगते हैं. इस व्रत में व्रती को डेयरी या गेहूं से बने उत्पादों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए. एकादशी के बाद मनाए जाने वाले इस पर्व पर गाय और बछड़े की पूजा गोधुली बेला में की जाती है, जब सूर्य देव पूरी तरह से न निकले हों.