पश्चिम बंगाल (West Bengal) में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) की अपील और कड़े शब्दों में दी गई चेतावनी के बावजूद जूनियर डॉक्टरों का हड़ताल आज चौथे दिन भी जारी है. पश्चिम बंगाल के कोलकाता मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों पर हमले से देशभर के डॉक्टरों में रोष है. बीते तीन दिनों से चल रही डॉक्टरों की हड़ताल की आंच अब दिल्ली तक पहुंच गई है. दिल्ली के डॉक्टर भी पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में उतर आए हैं. दिल्ली एम्स सहित देश भर के सरकारी और निजी डॉक्टरों से शुक्रवार को एक दिन की हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है.
दिल्ली (Delhi) एम्स (Aims) के आरडीए ने दिनभर हड़ताल पर रखने की घोषणा की है. इससे ओपीडी के अलावा आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित होंगी. वहीं, रायपुर एम्स ने भी गुरुवार शाम को हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की. इन डॉक्टरों को भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) का साथ मिला है. आईएमए ने आज 'अखिल भारतीय विरोध दिवस' घोषित किया है.
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इससे पहले हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने गुरुवार दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश को नहीं माना और हड़ताल जारी रखने का फैसला किया. ममता बनर्जी गुरुवार को दोपहर में सरकारी एसएसकेएम अस्पताल पहुंची तो डॉक्टरों ने 'हमें इंसाफ चाहिए' के नारे लगाए.
ममता बनर्जी ने कहा "मैं आंदोलन की निंदा करती हूं. कनिष्ठ चिकित्सकों का आंदोलन सीपीएम और बीजेपी का षड्यंत्र है." ममता बनर्जी ने बीजेपी पर हड़ताल को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया
बता दें कि डॉक्टर कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद भीड़ द्वारा अपने दो सहकर्मियों पर हमले के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं. हड़ताली डॉक्टर अस्पताल में सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. हड़ताल कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि "मांग पूरी होने तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे. हमारी मांगे साधारण हैं... उचित सुरक्षा मिले और सभी अस्पताल में सशस्त्र पुलिस बल तैनात हों तथा एनआरएस अस्पताल में शनिवार को हुए हमले में शामिल अपराधियों को गैर जमानती धाराओं में गिरफ्तार किया जाए."