
पुणे, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में इस बार पिने के पानी की भीषण समस्या आनेवाली है और अभी गर्मी की शुरुवात में ही पानी की किल्लत की भी समस्या शुरू हो चुकी है. पुणे के खेड़ तहसील में पडसुल गांव में पानी की भीषण समस्या निर्माण हो गई है. इस गांव की महिलाओं को कुएं से केवल दो ही हांडी पानी मिलेगा, तीसरे के लिए 100 रूपए जुर्माना भरना होगा.महिलाओं को पानी के लिए कई दूर तक जाना पड़ रहा है. जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
बताया जा रहा है की ग्रामपंचायत की ओर से दो हांडी पानी भरने के बाद तीसरी हांडी पर 100 रूपए का जुर्माना लगाया है. जिसके कारण महिलाओं को और उनके परिवार के लोगों को आनेवाले दिनों में ज्यादा परेशानियों का सामना करना होगा. महिलाओं की इस पानी की जद्दोजहद का वीडियो सोशल मीडिया X पर @RahulAsks नाम के हैंडल से शेयर किया गया है.ये भी पढ़े:Navi Mumbai Water Cut: नवी मुंबई में 4 फरवरी मंगलवार को नहीं आया आएगा पानी, संभलकर इस्तेमाल करने की नागरिकों से महानगर पालिका ने की अपील
पानी की समस्या
ही पुणे जिल्ह्यातील पाणी टंचाई आहे. खेड तालुक्यातील पडसुल गावात पाणी टंचाई आहे. गावकऱ्यांनी या विहिरीतून दोनच हंडे पाणी घ्यायचे, तिसरा हंडा घेतला तर १०० रुपये भरावे लागणार आहे. हा नियम पाळावा यासाठी सकाळी ७ ते रात्री १० पर्यंत विहिरीवर पहारा आहे. pic.twitter.com/1OAB3Weljm
— Rahul Kulkarni (@RahulAsks) March 27, 2025
पुणे जिले के पडसुल गांव में पानी की भीषण समस्या
साम टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक़ पुणे जिले के खेड़ तहसील के पडसुल गांव में पानी की कमी ने कहर बरपा रखा है. ग्रामीणों के लिए दो महीनों से एक अजीब फतवा जारी किया गया है. गांव के एक गहरे कुएं से पानी रस्सी के सहारे खींचना है और केवल दो ही हांडी पानी लेना है. तीसरा लेने पर जुर्माना लगेगा.
पानी पर पहरा
पानी की किल्लत के कारण इसपर पाबंदियां लगाई गई है. सुबह 7 बजे से लेकर रात 10 बजे तक पानी पर पहरा भी रहेगा. पानी की बर्बादी रोकने के लिए ये जुर्माना शुरू किया गया. लेकिन बताया जा रहा है कि तीन डैम होने के बावजूद भी पानी क्यों नहीं है?जलजीवन मिशन योजना तीन साल से लंबित है और सरकार सो रही है. अधिकारीयों को कागजों पर योजनाएं पूरी दिख रही है. लेकिन हकीकत में तीसरी पीढ़ी पानी के लिए पहाड़ों में भटक रही है.नेता चुनावों में करोड़ों रूपए की जल योजनाओं के वादे करते हैं, लेकिन ग्रामीणों को पानी की एक बूंद भी नहीं मिलती है और अब महिलाओं पर जुर्माना लगाया जा रहा है.