
Eid al-Adha 2025 Mubarak Wishes In Hindi: रमजान ईद (Ramzan Eid) यानी मीठी ईद (Meethi Eid) मनाए जाने के करीब 70 दिन बाद दुनिया भर के मुसलमान बकरीद (Bakrid) का त्योहार धूमधाम से मनाते हैं, जिसे ईद-उल-अजहा (Eid-al-Adha), बकरा ईद (Bakra Eid) और कुर्बानी ईद (Qurbani Eid) जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. इस साल भारत में 7 जून 2025, शनिवार को बकरीद मनाई जा रही है. दरअसल, इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के 12वें यानी आखिरी महीने धू-अल-हिज्जाह के चांद का दीदार होने के बाद इस महीने के दसवें दिन बकरीद का त्योहार मनाया जाता है. यह पर्व मोहम्मद पैगंबर के त्याग और कुर्बानी की याद दिलाता है, इसलिए इसका इस्लाम धर्म में काफी महत्व बताया जाता है. बकरीद को कुर्बानी का त्योहार कहा जाता है, इसलिए त्याग और कुर्बानी के इस पर्व को मनाने के लिए इस दिन बकरे सहित कुछ अन्य जानवरों की कुर्बानी दी जाती है.
बकरीद यानी ईद-उल-अजहा के दिन सुबह के समय लोग ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा करने के लिए इकट्ठा होते हैं, इसके बाद वो एक-दूसरे से गले मिलकर बकरीद मुबारक कहते हैं. ऐसे में इस बेहद खास अवसर पर आप भी ईद-उल-अजहा के इन शानदार हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स को अपने प्रियजनों के साथ शेयर करके उन्हें मुबारकबाद दे सकते हैं.





बकरीद यानी ईद-उल-अजहा से जुड़ी एक प्रचलित कथा के अनुसार, बताया जाता है कि एक दिन अल्लाह ने पैगंबर इब्राहिम की परीक्षा लेने के लिए उनसे उनकी सबसे प्यारी चीज कुर्बान करने का आदेश दिया. अल्लाह के आदेश का पालन करते हुए पैगंबर इब्राहिम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल की कुर्बानी देने का फैसला किया, जिससे वो बेहद प्यार करते थे. कहा जाता है कि जैसे ही वो अपने बेटे को कुर्बान करने जा रहे थे, वैसे ही अल्लाह ने उनके बेटे की जगह कुर्बानी को बकरे में तब्दील कर दिया. पैगंबर इब्राहिम के इसी त्याग और बलिदान को देखते हुए इस पर्व को मनाने की परंपरा शुरु हुई. इस दिन इस्लाम धर्म के लोग बकरे की कुर्बानी देते हैं और कुर्बानी के गोश्त को रिश्तेदारों, दोस्तों व पड़ोसियों में बांटते हैं.