वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Masjid Case) में सुनवाई का सिलसिला लगातार जारी है. इस क्रम में आज परिसर में स्थित कथित 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग (Carbon Dating) पर जिला जज की अदालत बड़ा फैसला सुना सकती है. 'शिवलिंग' की लंबाई, चौड़ाई, गहराई और आसपास के क्षेत्र की कार्बन डेटिंग होगी या नहीं, इसी मामले पर आज डिस्ट्रिक्ट जज एके विश्वेश फैसला सुना सकते हैं. Gyanvapi Case: ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि मंदिर को लेकर संत समाज की अहम बैठक आज
महिलाओं ने अपनी याचिका में कहा कि इस तरह की जांच में कार्बन डेटिंग प्रक्रिया शामिल हो सकती है और इसे एक सरकारी निकाय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर मस्जिद समिति ने वैज्ञानिक जांच याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि हिंदू महिलाओं का मामला मस्जिद के अंदर एक दरगाह पर पूजा करने का है और इसका इसकी संरचना से कोई लेना-देना नहीं है. मस्जिद समिति ने कहा कि, जिस वस्तु को 'शिवलिंग' कहा जा रहा है वह वास्तव में एक 'फव्वारा' है.
वहीं वाराणसी के ज्ञानवापी और मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि मंदिर को लेकर अखिल भारतीय संत समिति की अहम बैठक आज दिल्ली में होने जा रही है. इस बैठक में वाराणसी और मथुरा के साथ-साथ देश भर में फैले इस तरह के कई अन्य मंदिरों को लेकर भी विचार विमर्श कर भविष्य की रणनीति और एजेंडा का निर्धारण किया जाएगा.
Gyanvapi case: Varanasi court verdict likely today on 'Shivling' carbon dating
Read @ANI Story | https://t.co/izlk8Tefgs#gyanvapicase #gyanvapimosque #Varanasi #Shivling pic.twitter.com/oMDcAFKkn2
— ANI Digital (@ani_digital) October 7, 2022
दरअसल, इस साल की शुरुआत में वाराणसी की एक निचली अदालत ने महिलाओं की याचिका के आधार पर ज्ञानवारी मस्जिद की वीडियोग्राफी का आदेश दिया था. हिंदू याचिकाकर्ताओं द्वारा विवादास्पद रूप से लीक की गई वीडियोग्राफी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि मुस्लिम प्रार्थनाओं से पहले वजू या शुद्धिकरण अनुष्ठान के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मस्जिद परिसर के भीतर एक तालाब में भगवान शिव का एक 'शिवलिंग' पाया गया.