Gyanvapi Mosque ASI Survey: ज्ञानवापी परिसर में शुरू हुआ ASI का सर्वे, मुस्लिम पक्ष ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
Gyanvapi Mosque | Photo: Twitter

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का ASI सर्वे शुरू हो गया. ASI की टीम ने सुबह 7 बजे ज्ञानवापी परिसर पहुंचकर प्रक्रिया शुरू की. अर्कोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम में 43 सदस्य हैं. ASI की टीम के साथ 4 वकील भी मौजूद हैं. यानी सभी पक्षों के एक एक वकील ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Mosque) में मौजूद हैं. ASI को 4 अगस्त तक सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी की जिला अदालत को सौंपनी है. जिला जज एके विश्वेश ने शुक्रवार को मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया था. उधर, मुस्लिम पक्ष ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

मामले में हिंदू पक्ष द्वारा दायर याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का निर्देश देने की मांग की गई थी. हिंदू पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि सर्वे का नतीजा हिंदुओं के पक्ष में ही होगा. एएसआई सील किए गए 'वज़ुखाना' क्षेत्र को छोड़कर, पूरी ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने वाली है.

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे शुरू

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मो. तौहीद खान ने कहा कि वे आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘यह स्वीकार्य नहीं है और हम इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे. इस सर्वेक्षण से मस्जिद को नुकसान हो सकता है.’

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने पहले तर्क दिया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को पूरे मस्जिद परिसर की पुरातात्विक जांच से ही हल किया जा सकता है. उन्होंने कहा था कि ज्ञानवापी परिसर के तीन गुंबदों, परिसर की पश्चिमी दीवार और पूरे परिसर की आधुनिक तरीके से जांच करने पर स्थिति स्पष्ट हो सकती है.

अब तक क्या-क्या हुआ

अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने स्थानीय अदालत में एक याचिका दायर की थी जिसमें मस्जिद परिसर के अंदर स्थित मां श्रृंगार गौरी स्थल पर नियमित पूजा के अधिकार की मांग की गई थी. अप्रैल 2022 में दिवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण का आदेश दिया था. मुस्लिम पक्ष के विरोध के बीच सर्वेक्षण अंततः मई 2022 में पूरा हुआ था. इसी दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर के अंदर वजू के लिए बने तालाब में ‘शिवलिंग’ मिलने का दावा किया था, वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था.

इसके बाद हिंदू पक्ष ने विवादित स्थल को सील करने की मांग की थी. सेशन कोर्ट ने इसे सील करने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

इसके बाद पांच वादी महिलाओं में से चार ने इसी साल मई में एक प्रार्थना पत्र दायर किया था. इसमें मांग की गई थी कि ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर का ASI से सर्वे कराया जाए. इसी पर जिला जज एके विश्वेश ने अपना फैसला सुनाते हुए ASI सर्वे कराने का आदेश दिया था.