Supreme court on Jahangirpuri: जहांगीरपुरी में एमसीडी के एक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गइ है. याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि "50 लाख लोगों के साथ 1731 अनधिकृत कॉलोनियां हैं, लेकिन समाज के एक विशेष वर्ग को निशाना बनाया गया है." सुनवाई की जिरह कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल भी कर रहे हैं.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील दुष्यंत दवे ने कोर्ट से कहा, दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में कहा है कि बिना अनुमति के जुलूस निकाला गया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया. यह मुद्दा नहीं है. दवे ने इस परर कहा कि ये दोनों बातें आपस में जुड़ी हैं. दवे ने कहा, बिना अनुमति के जुलूस निकाले गए. इसके बाद दंगा हुआ. इसके बाद पुलिस ने एक विशेष समुदाय के लोगों को आरोपी बनाया. इसके बाद एमसीडी ने कार्रवाई की.
#NewsAlert | "There are 1731 unauthorised colonies with 50 lakh people but one particular section of society targeted": Dushyant Dave representing #Jahangirpuri petitioners argues in the Supreme Court pic.twitter.com/ZcT3PlMPJS
— NDTV (@ndtv) April 21, 2022
याचिका कर्ता के वकील ने कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा, उन्हें पता था कि हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं. ऐसे में जो कार्रवाई 2 बजे शुरू होनी थी, उसे 9 बजे शुरू कर दिया गया. यहां तक कि कोर्ट के आदेश के बाद भी तोड़फोड़ जारी रखी. उन्होंने सवाल उठाया कि कैसे बीजेपी अध्यक्ष के पत्र के बाद एमसीडी यह अभियान चला सकती है. एमसीडी को कार्रवाई करने से पहले नोटिस देना चाहिए था.
घटनाक्रम
- जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल यानी हनुमान जयंती के दिन हिंसा
- 25 आरोपी गिरफ्तार
- एमसीडी ने बुधवार सुबह करीब 10 बजे अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान की शुरुआत की. हालांकि, थोड़ी देर बाद ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई रोकने का आदेश दे दिया.
- एमसीडी ने आदेश न मिलने का दावा करते हुए करीब 2 घंटे तक तोड़फोड़ अभियान जारी रखा.
- एमसीडी करीब दो घंटे तक जहांगीरपुरी में अभियान चलाती रही. हालांकि, बाद में एमसीडी ने कहा, हमें सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिल गया है. हमने कार्रवाई रोक दी है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बुधवार को जहांगीरपुरी में हो रही कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकर भी याचिका दायर कर जल्द सुनवाई की मांग की थी.