चेन्नई: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के 'एक देश एक भाषा' के बयान के कारण पिछले कई दिनों से दक्षिणी राज्यों में चल रहे हिंदी (Hindi) विवाद में सुपरस्टार रजनीकांत (Rajinikanth) भी कूद पड़े है. अभिनेता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि तमिलनाडु (Tamil Nadu) के साथ-साथ किसी भी दक्षिण राज्य में हिंदी को जबरन थोपा नहीं जाना चाहिए.
मीडिया से बात करते हुए बुधवार को रजनीकांत ने कहा कि सिर्फ तमिलनाडु ही नहीं, बल्कि दक्षिणी राज्यों में कही भी हिंदी को थोपा नहीं जाना चाहिए. यहां कोई भी हिंदी को स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने आगे कहा कि केवल हिंदी ही नहीं, बल्कि कोई भी भाषा यहां लागू नहीं होनी चाहिए. देश की एकता और प्रगति के लिए एक कॉमन भाषा होना अच्छी बात है, लेकिन इसके लिए मजबूर करना स्वीकार्य है.
गौरतलब हो कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भगवान कृष्ण और अर्जुन की जोड़ी बताकर उनकी प्रशंसा करने वाले अभिनेता रजनीकांत विवादों में आ गए थे. हालांकि उन्होंने अपने इस रूख का बाद में बचाव किया.
Rajinikanth: Hindi shouldn't be imposed. Not just Tamil Nadu but none of the southern states will accept imposition of Hindi. Not only Hindi, no language should be imposed. If there's a common language it's good for country's unity&progress but forcing a language isn't acceptable pic.twitter.com/cP3KzihTgw
— ANI (@ANI) September 18, 2019
उन्होंने कहा था कि दोनों ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले आर्टिकल 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के लिए जो कुशल रास्ता अपनाया, उसके लिए उनकी तारीफ की थी. उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह कश्मीर मुद्दे से वे निपटे, उन्होंने कूटनीतिक तरीके से इसे अंजाम दिया.’’ अभिनेता ने कहा कि कृष्ण और अर्जुन से जोड़कर कहने का आशय यह था कि एक ने योजना बनायी और दूसरे ने उसे अंजाम दिया.
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रजनीकांत ने कहा कि कश्मीर बड़ा मुद्दा है और यह राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा है. उन्होंने नेताओं से अपील करते हुए कहा था कि उन्हें यह फर्क समझना चाहिए कि किस मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा सकता है और किसका नहीं.