अहमदाबाद: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के खिलाफ छेड़ी गई जंग में हर कोई अपने-अपने तरीके से मदद कर रहा है. कोविड-19 (COVID-19) से छुटकारा दिलाने के लिए जानीमानी हस्तियों से लेकर आम नागरिक तक दान दे रहे है. लेकिन इस बीच कुछ शरारती तत्व गलत सूचना के जरिए समाज और सरकार की परेशानी बढ़ा रहे हैं. कुछ ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें ओएलएक्स (OLX) पर ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (Statue of Unity) को बेचने के लिए एडवरटाइजमेंट दिया गया है.
वैश्विक ऑनलाइन बाजार ओएलएक्स पर किसी ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को 30,000 करोड़ रुपये की राशि में बेचने के एड दिया है. इसके साथ लिखा गया है "आपातकालीन! अस्पतालों और स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों के लिए आवश्यक धन की जरुरत के लिए ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ बेचा जा रहा है." बताया जा रहा है कि यह किसी की शरारत है. फिलहाल पुलिस ने कोई मामला नहीं दर्ज किया है. Coronavius: पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर की बातचीत, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने को लेकर बनी सहमति
हालांकि यह स्पष्ट रूप से एक मजाक हो सकती है क्योंकि किसी व्यक्ति को विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को बेचने का अधिकार नहीं है. इस संबंध में कोई अधिकारिक बयान नहीं दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2018 को विशाल स्मारक ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को राष्ट्र को समर्पित किया था. लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर उंची प्रतिमा गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया में नर्मदा नदी के तट पर बनाई गई है. जिसमें से सरदार सरोवर बांध, इसके जलाशय तथा सतपुड़ा और विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं का शानदार नजारा देखा जा सकता है.