Rajya Sabha में तैनात मार्शलों ने बताई आपबीती, शिकायत में लिखा- MP एलमारन करीम ने गला पकड़ा तो दम घुटने लगा, महिला सांसदों ने घसीटा
संसद में हंगामा (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: राज्यसभा (Rajya Sabha) में हंगामें के एक दिन बाद गुरुवार को एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. जिसमें विपक्षी सांसद मार्शलों के साथ धक्कामुक्की करते दिखाई दे रहे है. संसद में हुए हंगामे को लेकर पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग छिड़ा हुआ है. इस बीच संसद के कुछ मार्शलों ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार को बताया है. दरअसल एक दिन पहले विपक्ष के हंगामे के चलते संसद सुरक्षा सेवा के कर्मियों को राज्यसभा में बुलाना पड़ा था. तब 12 महिला मार्शल और 18 पुरूष मार्शल राज्यसभा में पहुंचे थे. संसद में हंगामे को लेकर केंद्रीय मंत्री ने साधा विपक्ष पर निशाना

संसद सुरक्षा सेवा से जुड़े राकेश नेगी (Rakesh Negi) ने बताया कि बुधवार को उन्हें राज्यसभा चैंबर के अंदर मार्शल की ड्यूटी करने के लिए तैनात किया गया था. उन्होंने बताया “सांसद एलमारन करीम (Elamaran Kareem) और अनिल देसाई (Anil Desai) ने मार्शलों द्वारा सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की. इस दौरान करीम ने मुझे सुरक्षा घेरा से बाहर निकालने के लिए मेरी गर्दन पकड़ ली, जिससे क्षण भर के लिए मेरा दम घुटा और सांस रुक गई.” सुरक्षा सहायक राकेश नेगी द्वारा संसद सुरक्षा सेवा के निदेशक (सुरक्षा) को लिखकर यह बात बताई गयी है.

इसके आलावा सुरक्षा सहायक अक्षिता भट (Akshita Bhat) ने अपनी शिकायत राज्यसभा सचिवालय तक पहुंचाई है. उन्होंने बताया “विरोध प्रदर्शन में लगे कुछ पुरुष सांसद मेरी ओर दौड़े और सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की. जब मैंने विरोध किया, तो सांसद छाया वर्मा (Chhaya Verma) और फूलो देवी नेताम (Phulo Devi Netam) ने एक तरफ कदम बढ़ाया और पुरुष सांसदों के लिए आक्रामक रूप से सुरक्षा घेरा तोड़ने और टेबल तक पहुंचने का रास्ता बनाया.”

मार्शल के तौर पर तैनात अक्षिता भट ने लिखा “अन्य महिला सांसदों ने अपने पुरुष समकक्षों को सुरक्षा घेरा तोड़ने में मदद करने के प्रयास में मेरी बाहें खींचकर मुझे शारीरिक और बलपूर्वक घसीटा.” सरकार ने संसद में चर्चा कराने की मांग नहीं मानी, संसदीय लोकतंत्र के सम्मान को कम किया: विपक्ष

वहीं, उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू तथा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज संसद के मॉनसून सत्र में कुछ सांसदों के व्यवहार पर चिंता जताई और कहा कि ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. मॉनसून सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के एक दिन बाद बिरला ने नायडू से मुलाकात की और दोनों ने सत्र के दौरान ‘संसद में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम’ की समीक्षा की. नायडू ने सदन में अप्रिय स्थिति बनने पर बुधवार को रुंधे गले से विपक्ष के कुछ सदस्यों के कृत्य की तुलना लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र किये जाने से की.

उल्लेखनीय है कि भारी हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार को अपने कार्यक्रम से दो दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई, जिससे मानसून सत्र समाप्त हो गया. मौजूदा सत्र 13 अगस्त को समाप्त होने वाला था.