प्रधानमंत्री ‘जुमलों और ध्यान भटकाने’ की बजाय पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करें: कांग्रेस
कांग्रेस (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नयी दिल्ली, 27 अप्रैल: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विपक्ष शासित राज्यों से पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट कम करने की अपील को लेकर उन पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री को ‘जुमलों और ध्यान भटकाने’ की बजाय पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर घटाकर उस स्तर पर लानी चाहिए जिस स्तर पर वह पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में थी.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री से यह आग्रह किया कि केंद्र सरकार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.24 रुपये प्रति लीटर की कटौती करे.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मोदी जी, कोई आलोचना नहीं, कोई ध्यान भटकाना नहीं, कोई जुमला नहीं.

कांग्रेस की सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था. मोदी सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 27.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर है.’’

कांग्रेस नेता ने आग्रह किया, ‘‘ कृपया पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.24 रुपये प्रति लीटर की कमी करिये.’’ सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार को पिछले आठ वर्ष में पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क के माध्यम से एकत्र किए गए 27 लाख करोड़ रुपये का हिसाब देना चाहिए.

उनके मुताबिक, 26 मई, 2014 को जब प्रधानमंत्री मोदी ने पदभार संभाला था तब कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल थी, लेकिन उस समय दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 71.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 55.49 रुपये प्रति लीटर थी.

उन्होंने कहा, ‘‘आज कच्चे तेल की कीमत 100.20 रुपये प्रति लीटर है, लेकिन दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 105.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 96.67 रुपये प्रति लीटर है.’’ कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने विपक्ष शासित राज्यों को जो सलाह दी, क्या वह भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को नहीं दी जा सकती थी?

अगर आप राजस्थान को वैट कम करने की सलाह दे रहे हैं तो फिर उससे ज्यादा वैट मध्य प्रदेश में हैं जहां भाजपा की सरकार है. कर्नाटक और बिहार जैसे राज्यों में भी वैट कई विपक्षी राज्यों से ज्यादा है.’’ उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए.

पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने बहुत ही गैरजिम्मेदाराना बात की जो सही सोच वाले किसी व्यक्ति के गले नहीं उतर रही है. उन्हें पता होना चाहिए कि पेट्रोल-डीजल पर जो कर लगते हैं उसमें 68 प्रतिशत केंद्र और 32 प्रतिशत राज्यों के हिस्से में जाते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री उत्पाद शुल्क में कमी कर दें तो देश के लोगों को पेट्रोल एवं डीजल सस्ता मिलने लगेगा.’’

विपक्ष शासित कई राज्यों में पेट्रोल - डीजल की बढ़ती कीमत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इन राज्यों से ‘‘राष्ट्र हित’’ में पेट्रोलियम उत्पादों पर से वैट घटा कर आम आदमी को राहत देने तथा वैश्विक संकट के इस दौर में सहकारी संघवाद की भावना के साथ काम करने की अपील की.

मोदी ने बुधवार को कहा कि पिछले साल नवंबर महीने में केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती किए जाने के बावजूद कुछ राज्यों ने इस पर वैट नहीं घटाया और अपने लोगों को इसका लाभ ना देकर उनके साथ ‘‘अन्याय’’ किया है.

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