कोलकाता: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) और BJP के बीच मुकाबला कड़ा है. कई ओपिनियन पोल्स में ममता बनर्जी को स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है लेकिन बीजेपी भी बहुत पीछे नहीं है. पश्चिम बंगाल में पहले के मुकाबले बीजेपी का प्रदर्शन काफी बेहतर दिख रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के सभी दिग्गज नेता बंगाल में बीजेपी की जीत के लिए जोर लगा रहे हैं. बीजेपी अपने इन प्रयासों के दम पर राज्य के राजनीतिक समीकरण में भारी सेंध लगा सकती है.
IANS सी-वोटर सर्वे के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस के 156 सीटों के साथ एक स्पष्ट विजेता के रूप में उभरने की संभावना है, जो आधे से अधिक है. हालांकि यह 294 सीटों वाली विधानसभा में 2016 के मुकाबले 55 सीटें कम है. West Bengal: TMC और BJP के बीच महा मुकाबला, चुनाव के इन 4 अहम फैक्टर्स पर रहेगी वोटर्स की नजर.
सर्वे के अनुसार बीजेपी का प्रदर्शन इस बार काफी अच्छा है. 2016 के चुनाव में 3 सीट जीतने वाली बीजेपी 2021 के चुनाव में अपने खाते में 100 सीटें ला सकती है. सर्वे के अनुसार टीएमसी को 148 से 164 सीटें मिलने का अनुमान है, उसके बाद बीजेपी को 90-108 सीटें और Left Front-कांग्रेस को 31 से 39 सीटें मिल सकती हैं और शेष 1-5 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों को जा सकती हैं.
यहां हम आपको बता रहे हैं कि इस चुनाव में जीत इन 5 M फैक्टर पर निर्भर करेगी.
मोदी फैक्टर
पीएम मोदी की लोकप्रियता हर चुनाव का रूख बदलने का दम रखती है. हाल ही में यह बिहार चुनाव में देखने को मिला है. नीतीश विरोधी लहर होने के बावजूद बिहार की जनता ने बीजेपी को खूब वोट दिए और राज्य में NDA ने जीत हासिल की. पीएम मोदी पश्चिम बंगाल में जीत के लिए पूरा दम लगा रहे हैं. मोदी और शाह की जोड़ी पश्चिम बंगाल में ममता सरकार को सत्ता से दूर करने की कोशिशों में लगी है. पश्चिम बंगाल की जनता भी पीएम मोदी को पसंद करती है. अब देखना यह होगा कि इस चुनाव में मोदी के नाम पर कितने वोट पड़ते हैं.
ममता बनर्जी
बंगाल की राजनीति का सबसे बड़ा चेहरा हैं सीएम ममता बनर्जी. पश्चिम बंगाल में दस साल से तृणमूल कांग्रेस सत्ता में है और ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हैं. ममता बनर्जी ने सत्ता तक पहुंचने के लिए लंबा संघर्ष किया है. इस बार भी पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा के सामने ममता बनर्जी अकेले हुंकार भर रही हैं. ममता दीदी ने लेफ्ट की 34 साल पुरानी सरकार को उखाड़ के रख दिया था. इस लंबे संघर्ष और राजनीतिक अनुभव के बाद ममता बनर्जी भलीभांति जानती हैं कि उन्हें जीत की ओर किस तरह बढ़ना है.
मुस्लिम
बंगाल के चुनाव में मुस्लिम भी बड़ा फैक्टर है. जय श्रीराम का नारा हो या दुर्गा पूजा के पीछे यही मुस्लिम फैक्टर काम कर रहा है. बीजेपी लगातार ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाती आई है. बीजेपी का कहना है कि TMC एक विशेष समुदाय को महत्त्व देती है. इस फैक्टर के साथ बीजेपी राज्य के बहुसंख्यकों को रिझाने में लगी है. इन सब के बीच सीएम ममता बहुसंख्यकों और अल्पसंख्यकों दोनों को अपने पाले में करने के लिए सूझबूझ से काम कर रही हैं.
महिला
हर चुनाव में महिला वोटर्स की भागीदारी काफी अहम होती है. बंगाल में भी ऐसा ही है. ममता बनर्जी खुद एक महिला होने के नाते महिला वोटर्स तक अपना सीधा संदेश पहुंचा रही हैं. राज्य में बालिकाओं की शिक्षा को खास स्थान देने वाली ममता बनर्जी एक मजबूत महिला के तौर पर चुनावी मैदान में हैं. ममता बनर्जी खुद को बंगाल की बेटी कहकर हर किसी के दिल में उतरने के कोशिश में हैं तो वहीं बीजेपी ने इसके खिलाफ बड़ी रणनीति तैयार की हैं. बीजेपी ने अपने पोस्टर में 9 महिलाओं को जगह दी हैं और नारा दिया है कि बंगाल को बेटी नहीं बुआ चाहिए. अब यह चुनाव नतीजों में पता चलेगा कि बंगाल में बेटी चलती है या बुआ.
माटी और मानुष
ममता बनर्जी खुद को बंगाल की मिट्टी का बताकर हर बंगाली वोटर को रिझा रही हैं. सीएम ममता बीजेपी को बाहरी बताती आई हैं, लेकिन इस वार का जवाब भी बीजेपी ने शानदार तरीके से दिया. बीजेपी ने भी साफ किया है कि बंगाल में उनका सीएम उम्मीदवार इसी माटी से जुड़ा कोई होगा. बीजेपी का कहना है कि ममता बनर्जी से बंगाल की संस्कृति को तबाह कर दिया है.