कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है. यहं आठ फेज में चुनाव होगा. 27 मार्च को पहले फेज की वोटिंग होगी. 1 अप्रैल को दूसरे फेज, 6 अप्रैल को तीसरे फेज, 10 अप्रैल को चौथे फेज, 17 अप्रैल को पांचवे फेज, 22 अप्रैल को छठे फेज, 26 अप्रैल को सातवें फेज और 29 अप्रैल को आखिरी आठवें फेज के लिए मतदान होंगे. वोटो की गिनती 2 मई को होगी. पश्चिम बंगाल में इस बार मुख्य मुकाबला सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच है. दोनों पार्टियां इस चुनाव के लिए पूरा दम लगा रही हैं.
साल 2016 के हुए चुनाव में भले ही बीजेपी के खाते में सिर्फ तीन सीटें आई हों लेकिन बीजेपी इस बार टीएमसी को कड़ी टक्कर देती दिख रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह जैसे बीजेपी के सभी दिग्गज नेता चुनावी मैदान में बीजेपी की जीत के लिए दम भर रहे हैं. वहीं ममता बनर्जी भी अपनी सूझबूझ के साथ बीजेपी की हर रणनीति का तोड़ निकालने में लगी हैं. ऐसे में यह मुकाबला और भी दिलचस्प होता दिख रहा है. चुनाव के ऐलान से पहले सीएम ममता बनर्जी ने घोषणाओं की लगाई झड़ी
यहां हम आपको इस चुनाव के 4 बड़े फैक्टर बता रहे हैं जो बीजेपी और टीएमसी दोनों को प्रभावित करेंगे.
हिंसा
बीजेपी और टीएमसी के बीच हिंसा की घटनाएं अब आम हो चुकी हैं. बंगाल में हिंसा की खबरें सुर्खियों में रही हैं. आए दिन दोनों पार्टी के नेताओं के बीच झड़प और हिंसा की खबर आती रहती है. बीजेपी जहां टीएमसी पर गुंडागर्दी और हिंसा फैलाने का आरोप लगाती है तो वहीं टीएमसी भी हर बार हिंसा के लिए बीजेपी को ही जिम्मेदार ठहराती है. राजनीतिक हिंसा में बीजेपी अब तक अपने कई कार्यकर्ताओं को खो चुकी हैं. इसलिए बीजेपी परिवर्तन का नारा लेकर मैदान में ममता सरकार के खिलाफ जंग लड़ रही है.
बाहरी बनाम बंगाली
पश्चिम बंगाल में इस बार 'बाहरी बनाम बंगाली' का मुद्दा भी प्रमुख रूप से सामने आया है. इस मुद्दे को खुद सीएम ममता बनर्जी ने हवा दी है. ममता बनर्जी बीजेपी के नेताओं को बाहरी बता रही हैं. वहीं बीजेपी भी इस आरोप के बाद स्पष्ट कर चुकी है कि उनका सीएम उम्मीदवार भी बंगाल की माटी का होगा. यह देखना दिलचस्प रहेगा कि बंगाल की जनता स्थानीय और बाहरी के मुद्दे पर कितना वोट करती है.
जय श्रीराम का नारा
पश्चिम बंगाल में 'जय श्रीराम' के नारे पर खूब सियासत हो रही है. ममता बनर्जी इस नारे को बीजेपी का सियासी नारा बताती आई हैं. 'जय श्रीराम' के नारे पर ममता दीदी कई बार आग बबूला होती भी नजर आई हैं. जिसके चलते बीजेपी ने इस मुद्दे को हवा दी कि ममता दीदी को 'जय श्रीराम' के नारे से परेशानी है. इस मुद्दे से बीजेपी राज्य के हिंदू मतदाताओं को अपनी ओर खींचने की जद्दोजहत में है.
केंद्र की योजनाएं
बीजेपी के नेता लगातार कहते आए हैं कि ममता बनर्जी केंद्र की योजनाओं को राज्य में लागू नहीं होने देती, जनता को इसका लाभ नहीं मिल पाता है. गृह मंत्री अमित शाह वादा कर चुके है कि बीजेपी सरकार आने के बाद हम पहली कैबिनेट में प्रस्ताव करेंगे कि राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू हो. इसके अलावा किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना जैसी कई बड़ी योजनाओं को लागू करने का वादा बीजेपी कर चुकी है. अब यह देखना होगा कि राज्य की जनता को बीजेपी के यह वादे लुभा पाते हैं या नहीं.