उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती सुर बुलंद करते हुए दिखाई देंगे. दरअसल, राज्य सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने योगी सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठना का ऐलान किया है. राजभर के मुताबिक वे 24 दिसंबर से सूबे के सभी जिलो में अनशन की शुरुआत करने जा रहे हैं. राजभर के अनशन पर जाने की वजह है पिछड़ी जाति के 27 फीसदी आरक्षण में कैगेगरी की मांग.
मसलन, दलितों के लिए राजभर के इस अनशन से योगी सरकार पर क्या असर होगा ये तो 24 दिसंबर को ही पता चल पाएगा लेकिन राजभर ने एक बात तो पूर्ण रुप से स्पष्ट कर दी है. ओम प्रकाश राजभर ने यूपी की बीजेपी और योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को चेतावनी देते हुए कहा है कि उनकी मांगो को लेकर अगर सरकार ने संजीदगी नहीं दिखाई तो वो 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी 80 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ प्रत्याशी उतारेंगे.
एससी-एसटी के चलते बीजेपी को झटका:
यूपी सरकार में मंत्री राजभर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि अगर सरकार पिछड़ी जाति को 27 फीसदी आरक्षण में कैटेगरी बनाने का काम नहीं करेगी तो इसका खामियाजा उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा. इतना ही नहीं देश के कुछ राज्यों में बीजेपी की हार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि एससी-एसटी के चलते भाजपा दूसरे राज्यों में चुनाव हारी है अगर हमारी मांग को दरकिनार किया गया तो यहां भी हार तय है. हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है जब ओम प्रकाश राजभर योगी सरकार के खिलाफ बगावती रुख अपना रहे हैं.
इससे पहले भी ऐसा माहौल देखने को मिल चुका है. राजभर आए दिन बीजेपी पर हमला बोल सुर्खियां बटोरते रहते हैं. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीजेपी ने साल 2004 में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी से गठबंधन किया था. फिर उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के दौरान भी राजभर ने बीजेपी का दामन नहीं छोड़ा.
2019 में बीजेपी के लिए खतरा राजभर?
यहां पर समझने वाली बात ये कि अगर राजभर 2019 के लोकसभा चुनाव में सूबे में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी पर इसका क्या असर पड़ेगा. आपको बता दें कि राज्य में पहले से ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), सपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस (Congress) पार्टी राज्य में गठबंधन की कवायद कर रही है. अगर ऐसे में राजभर बीजेपी के पाले से कुछ सीटें ही निकालने में कामयाब होते हैं तो भारतीय जनता पार्टी को इसका खामियाजा बड़े पैमाने पर भुगतना पड़ सकता है.
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क्योंकि राज्य में योगी सरकार की छवि कहीं न कहीं धूमिल हुई है. इसकी बानगी तब देखने को मिली जब सीएम योगी खुद अपनी गोरखपुर सीट को गवां बैठे. तो ऐसे में बीजेपी के लिए सियासी परिस्थियां कैसी होंगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.