मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ (CM Kamal Nath) ने सोमवार को पद की शपथ लेने के बाद कांग्रेस द्वारा चुनाव के दौरान दिए गए वचनों को पूरा करने की शुरुआत कर दी. जिसके बाद उनकी जमकर तारीफ हुई लेकिन उसके साथ ही अब एक विवाद भी शुरू हो गया है. सीएम पद की शपथ ग्रहण के बाद कमलनाथ ने कहा था कि मध्य प्रदेश के 70% लोगों को रोज़गार मिलने के बाद निवेश के प्रोत्साहन प्रदान करने की योजनाएं लागू की जाएंगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के लोग बेरोज़गार रह जाते हैं, जबकि (Uttar Pradesh) यूपी-बिहार ( Bihar ) के लोग नौकरियां ले जाते हैं. उन्होंने कहा जिसके कारण स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिलती.
बता दें कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ ग्रहण के तत्काल बाद कृषि ऋण माफी, रोजगार सृजन की संभावनाओं और कन्या विवाह और निकाह योजना की राशि बढ़ाने संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय लिए. कृषि ऋण माफी के संबंध में किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा प्रदेश में स्थित राष्ट्रीयकृत तथा सहकारी बैंकों में अल्पकालीन फसल ऋण के रूप में राज्य शासन द्वारा पात्रता अनुसार पात्र पाए गए. किसानों के दो लाख (2 लाख) की सीमा तक का 31 मार्च, 2018 की स्थिति में बकाया फसल ऋण माफ करने का आदेश जारी कर दिया गया। राज्य शासन के इस निर्णय से लगभग 34 लाख किसान लाभान्वित होंगे. फसल ऋण माफी पर संभावित व्यय 35 से 38 हजार करोड़ रुपये अनुमानित है.
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Madhya Pradesh CM Kamal Nath: Our schemes of providing incentives of investment will only be imposed after 70% people from Madhya Pradesh get employment. People from other states like Bihar, Uttar Pradesh come here & local people don't get jobs. I have signed file for this pic.twitter.com/qjORqyBuFc
— ANI (@ANI) December 17, 2018
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कन्या विवाह और निकाह योजना में संशोधन कर अनुदान राशि 28 हजार से बढ़ाकर 51 हजार करने का निर्णय लिया. साथ ही अब सभी आदिवासी अंचलों में जनजातियों में प्रचलित विवाह प्रथा से होने वाले एकल और सामूहिक विवाह में भी कन्या को सहायता दी जाएगी. साथ ही इस योजना में आय सीमा का बंधन भी समाप्त कर दिया गया है. अब सभी सामूहिक विवाह करने वालों को इसका लाभ मिलेगा.