लखनऊ: किसान आंदोलन बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) में किसानों की मौत पर अब बीजेपी घिर गई है. अगले साल होने विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में हुई यह हिंसा अब राजनीतिक भूचाल लेकर आई है. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित तमाम राजनीतिक दलों ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा तेज कर दिया है. ऐसे में चंद महीनों के बाद यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में लखीमपुर-खीरी की घटना बीजेपी के लिए एक बड़ी मुश्किल बन सकती है. Lakhimpur Khiri Violence: पंजाब के सिविल एविएशन डायरेक्टर ने अवनीश अवस्थी को लिखा पत्र, कहा- मुख्यमंत्री चन्नी के चॉपर को उतरने की अनुमदी दें.
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से लेकर अखिलेश यादव जैसे बड़े नेताओं ने आक्रमक रुख अपना लिया है. विपक्ष इस मुद्दे को हथियार बनाकार बीजेपी के खिलाफ उसे इस्तेमाल करने की तैयारी में जुट गया है. लखीमपुर खीरी हादसे में किसानों की मौत बीजेपी को भारी पड़ सकती है.
लखीमपुर खीरी में आखिर क्या हुआ था?
यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) का बनबीरपुर में कार्यक्रम था. उससे पहले बड़ा बवाल हो गया. लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में काले झंडे दिखाने के लिए खड़े किसानों की बीजेपी नेताओं से झड़प हो गई. आरोप है कि इसी दौरान प्रदर्शन कर रहे किसानों पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र के बेटे ने गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई. किसान और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई. आक्रोशित किसानों ने गाड़ियों में आग लगा दी.
दरअसल केशव प्रसाद मौर्य को लखीमपुर-खीरी में कुछ परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करना था. इसके बाद उन्हें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र के पैतृक गांव बनबीरपुर भी जाना था. डिप्टी सीएम के कार्यक्रम की जानकारी मिलने पर किसान नेता काले झंडे दिखाने के लिए इकट्ठा हुए थे.
हिंसा में 9 की मौत
रविवार को हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 9 तक पहुंच गई है और उत्तर पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और 15 अन्य के खिलाफ हत्या और हिंसा भड़काने के आरोप में FIR दर्ज की है. वहीं लखीमपुर खीरी मामले को लेकर निशाने पर आए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने इस घटना में अपने खिलाफ साजिश रचे जाने का आरोप लगाया है. मिश्रा ने कहा कि उन्हें लगता है कि इस मामले में उनके खिलाफ साजिश की गई है. उन्होंने कहा, “प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच छुपे कुछ अराजक तत्वों ने वारदात के दौरान घायल हुए लोगों को पीट-पीटकर उनसे कहा कि तुम मंत्री का नाम लो.”
मिश्रा ने यह भी कहा, “मेरे बेटे पर भी आरोप लगाने का प्रयास किया गया है. जिस तरह गाड़ी से खींच-खींच कर हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या की गई, यह हो सकता है कि मेरे बेटे की हत्या की योजना रही हो.”