लोकसभा चुनाव 2019: शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष पर कसा तंज, राहुल गांधी को बताया दुनिया में सबसे झूठ बोलने वाले इंसान
राहुल गांधी और शिवराज सिंह चौहान ( Photo Credit: PTI )

भोपाल: दुनिया में सबसे ज्यादा झूठ बोलने वाले नेताओं की फेहरिश्त मध्य प्रदेश की सत्ता से बाहर हुए भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के पास है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के इस ऐलान पर कि केंद्र की सत्ता में आने पर कांग्रेस देश के 20 फीसदी गरीब परिवारों को न्यूनतम आय येाजना के तहत 72 हजार रुपये सालाना देगी, तंज कसते हुए कहा कि 'राहुल गांधी दुनिया के सबसे झूठ बोलने वाले इंसान हैं.

शिवराज ने यहां मंगलवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए राहुल गांधी पर झूठे वादे करने का आरोप लगाया और कहा, "राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आने पर सभी किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था और कहा था कि 10 दिन के अंदर कर्ज माफ नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री हटा देंगे, इस हिसाब से अब तक तो 10 मुख्यमंत्री हट जाने चाहिए थे."मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस दावे को झुठलाते हुए कि 'राज्य में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने तक 22 लाख किसानों का कर्ज माफ हो चुका था और चुनाव के बाद शेष 30 लाख किसानों का कर्ज माफ होगा, शिवराज ने कहा, "राज्य में कर्जमाफी की योजना ढकोसला साबित हुई, किसान को ठगा गया है, कांग्रेस की असलियत सबके सामने है, कर्ज न तो मध्य प्रदेश में माफ हुआ और न ही राजस्थान में." यह भी पढ़े: राहुल गांधी की मुसीबत बढ़ी, शिवराज सिंह के बेटे ने दर्ज कराया मानहानि का केस

भाजपा विधायक ने कहा, "जब चुनाव आता है तो गांधी झूठ बोलते हैं. झूठे सपने दिखाते हैं, वे यह बताएं कि आजादी के बाद से अटलजी और मोदीजी के कार्यकाल को छोड़ दें तो देश में कांग्रेस की सरकार रही। 1971 में इंदिराजी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था, क्या गरीबी हटी? यह केवल उनका नारा है, रंगीन सपने दिखाना है, ये सपने कभी साकार नहीं होते, वोट बैंक की राजनीति की खातिर जनता को मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाए जा रहे हैं."विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से छह दिन पहले सरकार पर 8 सौ करोड़ रुपये कर्ज का बोझ लादकर सत्ता से बाहर हुए शिवराज ने कहा कि वह राज्य के किसानों के साथ हुए धोखे की बात हर जगह बताएंगे। उन्होंने कहा कि कर्जमाफी के लिए 56 हजार करोड़ रुपये चाहिए, किसानों को अभी तक 5000 करोड़ रुपये भी नहीं दिए गए हैं.