केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच फिर छिड़ सकती है ‘पॉवर वॉर’, सीएम अरविंद केजरीवाल की टेंशन बढ़ी
सीएम अरविंद केजरीवाल (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के एक फैसले से दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की टेंशन बढ़ गई है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह उपराज्यपाल अनिल बैजल (Anil Baijal) के जरिये पिछले दरवाजे से दिल्ली की चुनी हुई सरकार चलाना चाहती है. उन्होंने गुरुवार को कहा “आज कुछ मीडिया रिपोर्ट से पता चला कि केंद्र सरकार ने कल बहुत गोपनीय तरीके से दिल्ली में चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के अधिकार कम करके उनको उपराज्यपाल को देने का एक कानून पास किया है.” DTC Buses: AAP ने दिल्ली पुलिस की ड्यूटी में तैनात डीटीसी बसों को लिया वापस तो भड़के BJP सांसद रमेश बिधूड़ी , कहा- CM की निजी सुरक्षा हटा लेना चाहिए

आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा “सरकार को बनाने के कानून (GNCTD एक्ट) में बदलाव करके केंद्र सरकार अब उपराज्यपाल को इतनी शक्ति देने जा रही है कि वो दिल्ली की चुनी हुई सरकार के काम रोक सकें. दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास अब फैसले लेने की शक्ति नहीं होगी.”

संसद के बजट सत्र में एनसीटी ऑफ दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2021 को भी केंद्र सरकार ने विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया हुआ है. हालांकि ख़बरों में बताया गया है कि केंद्र ने यह कदम दिल्ली में गवर्नेंस को बेहतर करने और उपराज्यपाल व दिल्ली सरकार के बीच टकराव को कम करने के लिए उठाया है.

केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते दिल्ली के उपराज्यपाल को कई अधिकार दिए गए है. दरअसल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2011 के कारण पहले भी केंद्र सरकार और दिल्ली की सरकार के बीच अधिकारों को लेकर रार मच चुका है. यह अधिनियम 1 जनवरी, 2011 को प्रभाव में आया और 31 दिसंबर, 2011 को इसे लागू कर दिया गया.