केंद्र सरकार के सवर्ण आरक्षण बिल का स्वागत करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को धन्यवाद दिया. सीएम रावत ने इसे मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि केंद्र के 10 फीसदी आरक्षण के फैसले से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बहुत लाभ मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार का फैसला 'सबका साथ, सबका विकास' की परिकल्पना को पूरा करने वाला है. सीएम रावत ने इस दौरान कहा कि पीएम मोदी 21वीं सदी के आंबेडकर हैं.
संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर (B.R Ambedkar) से तुलना करते हुए रावत ने कहा 21 वीं सदी में एक और आंबेडकर का जन्म हुआ है. गरीब परिवार से आने वाले पीएम मोदी ने समाज के सभी वर्गों के गरीबों के बारे में सोचा है. आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग देश भर के सामान्य वर्ग की ओर से लंबे समय से की जा रही थी. फैसले से उन्हें काफी फायदा होने वाला है.
Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat on The Constitution (124th Amendment) Bill: Another Ambedkar is born in the 21st century. And he has taken this decision for the economically weak people. I want to congratulate PM, son of poor has today thought about all the poor people pic.twitter.com/9jVFSDrYV9
— ANI (@ANI) January 9, 2019
सीएम के इस बयान पर कई राजनैतिक प्रतिक्रियाएं आ रही है. प्रधानमंत्री की तुलना आंबेडकर से करने को कई पार्टियों ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. रावत के इस बयान पर इस पर उत्तराखंड क्रांति दल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्रीय कैबिनेट के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन पीएम मोदी की तुलना डॉ भीमराव आंबेडकर से करना सही नहीं है. वहीं इसपर उत्तराखंड बहुजन समाज पार्टी ने भी विरोध जताया है. बीएसपी के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य योगेश कुमार ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति डॉ भीमराव आंबेडकर के बराबर नहीं हो सकता. यह भी पढ़ें- सवर्ण आरक्षण: अगर सुप्रीम कोर्ट में गया मामला तो बढ़ेगी सरकार की मुश्किलें, इन चुनौतियों का करना होगा सामना
बता दें कि सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण के प्रस्ताव वाले बिल पर मंगलवार को लोकसभा से मंजूरी मिल गई है और बुधवार को इस बिल पर राज्यसभा में बहस जारी है. आरक्षण के लिए लाए गए 124वें संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा ने बहुमत के साथ पारित किया. बिल में सभी संशोधनों को बहुमत से मंजूरी दे दी गई. इस विधेयक के समर्थन में 323 वोट पड़े, जबकि महज 3 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया.