Mulayam Singh Yadav Political Career: गांव की गलियों से दिल्ली तक का सफर तय करने वाले मुलायम सिंह जहां उत्तर प्रदेश के 3 बार मुख्यमंत्री रहे तो वहीं देश के रक्षामंत्री भी रहे. सोमवार को 'नेताजी' का निधन (Mulayam Singh Yadav Dies) हो गया. छोटे से गांव सैफई में जन्मे मुलायम 5 भाई और एक बहन में सबसे बड़े भाई रतन सिंह से छोटे थे. पिता सुघर सिंह यादव उनको पहलवान बनाना चाहते थे. मुलायम को भी बचपन से पहलवानी का शौक रहा. पहलवानी के साथ साथ सन 1955 में उन्होंने करहल के जैन इंटर कॉलेज 9वीं कक्षा में एडमिशन लिया. Mulayam Singh Yadav Dies: मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश का भावुक भरा ट्वीट, 'पिता जी और सबके नेता नहीं रहे'
करहल के जैन इंटर कॉलेज के शुरू हुआ मुलायम का सफर
सन 1955 से 1959 तक मुलायम सिंह ने जैन इंटर कॉलेज करहल में पढ़ाई की. साथ में पहलवानी का शौक भी जारी रखा. 1963 में करहल के जैन इंटर कॉलेज में ही सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हो गए. सन 1974 में उनका प्रवक्ता के तौर पर अनुमोदन हो गया.
सन 1984 में उन्होंने समय के अभाव में जैन इंटर कॉलेज से रिजाइन दे दिया और पूरी तरह राजनीति में सक्रिय हो गए. जैन इंटर कॉलेज में सेवाएं देने के साथ मुलायम सिंह पहलवानी में भी अपना हाथ आजमाते रहे और इटावा जनपद के नगला अमर में हुई कुश्ती के दौरान मुलायम जसवंतनगर से मौजूदा विधायक नत्थू सिंह यादव के संपर्क में आये. नत्थूसिंह यादव मुलायम सिंह से इतना प्रभावित हुए की अपने अपनी जसवंतनगर सीट से मुलायम को चुनाव भी लड़ा दिया और मुलायम पहले चुनाव में ही भारी जीत दर्ज कराकर विधायक चुन लिए गए.
चंदे से खरीदी थी एंबेसडर कार
1967 के पहले विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह के पास व्यवस्थाओं का बेहद अभाव था. उन्होंने पहले चुनाव में अपने मित्रों के साथ साइकिल पर बैठकर वोट मांगे, यहां तक की राम मनोहर लोहिया द्वारा दिए गए नारे एक नोट और एक वोट पर काम किया और लोगों ने उन्हें हाथों हाथ भी लिया और लोगों से प्राप्त चंदे से मुलायम ने चुनाव लड़ा. सैफई से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था इसलिए उनको महिलाओं का भी बड़ा समर्थन मिला और सैफई के लोगों ने अपना एक वक्त का खाना बचाकर मुलायम को चंदा दिया. इसी चंदे को मुलायम ने चुनाव में खर्च किया और एक एंबेसडर कार की खरीदी.
मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर
- पहली बार साल 1967 में मुलायम सिंह यादव विधायक बने
- साल 1969 के चुनाव में उन्हें विधानसभा चुनाव में हार मिली
- साल 1974 में फिर से मुलायम सिंह यादव विधायक बने
- साल 1977 में पहली बार उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री बने
- साल 1980 में लोक दल के अध्यक्ष बने
- साल 1982 से 1985 तक वो विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष रहे
- साल 1989 में वो पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने
- साल 1990 में जनता दल (समाजवादी) में शामिल हुए
- साल 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की
- साल 1993 में दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने
- 1996 में पहली बार मैनपुरी से लोकसभा सांसद बने\
- साल 1999 में वो संयुक्त मोर्चा गठबंधन सरकार के भारत के रक्षा मंत्री बने
- साल 1999 में संभल, कन्नौज लोकसभा सीटों से सांसद बने
- साल 2003 में तीसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने
- साल 2004 सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड बनाया
- साल 2004 में भी मैनपुरी से लोकसभा चुनाव जीते
- 2014 में आज़मगढ़, मैनपुरी से चुनाव जीते
- साल 2019 में वो फिर सांसद बने. ये सातवां मौका था, जब वो सांसद बने
- मुलायम सिंह यादव 8 बार विधानसभा-विधानपरिषद के सदस्य रहे हैं, तो 7 बार लोकसभा के सदस्य
सपा सरंक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया. वे 82 साल के थे. मुलायम सिंह यादव को यूरिन संक्रमण, ब्लड प्रेशर की समस्या और सांस लेने में तकलीफ के चलते पिछले दिनों गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी तबीयत लगातार नाजुक बनी हुई थी.