
हमास के नियंत्रण वाले गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि इस्राएली हमलों में मृतकों की संख्या 400 के पार जा चुकी है. इस्राएल में मंगलवार तड़के गाजा पट्टी पर भीषण बमबारी की.इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू का कहना है कि उन्होंने बमबारी के आदेश दिए. नेतन्याहू के मुताबिक संघर्ष विराम को आगे बढ़ाने के लिए हो रही बातचीत में प्रगति न होने की वजह से यह आदेश दिया गया. लेकिन इस आदेश का असर जमीन पर जान माल के भारी नुकसान के रूप में सामने आया है. मंगलवार तड़के इस्राएली सेना ने गाजा पट्टी पर भीषण बमबारी की. हमास नियंत्रित गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस हमले में 413 लोगों की मौत हुई है.
इलाके में काम कर रहे यूरोपियन हॉस्पिटल के मुताबिक, हमले में गाजा पट्टी के दक्षिणी शहर रफा में एक ही परिवार के 17 सदस्य मारे गए हैं. इनमें 12 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक हमलों के बाद दक्षिणी शहर खान यूनिस में भी धमाके सुनाई पड़े और धूल का गुबार दिखाई पड़ा. वहां हताहतों को नासेर अस्पताल पहुंचाया गया है.
हमास का आरोप, खुद को बचाने के लिए हमले कर रहे हैं नेतन्याहू
बमबारी के बाद इस्राएल और हमास के बीच जनवरी से चला आ रहा संघर्ष विराम भी खतरे में पड़ गया है. फरवरी में संघर्ष विराम का दूसरा चरण शुरू नहीं हो सका, इसके बाद से ही कई फलीस्तीनियों को इन हमलों की आशंका थी.
हमास के एक सीनियर नेता ने ताजा हमले को संघर्ष विराम का खुला उल्लंघन बताते हुए कहा है कि ये हमला बचे हुए इस्राएली बंधकों के लिए "मौत की सजा" है. 7 अक्टूबर 2024 को इस्राएल पर हुए हमास के हमले के बाद से मध्य पूर्व में इस्राएली सेना और हमास के बीच घमासान छिड़ा हुआ है. हमास ने अब भी 59 इस्राएलियों को बंधक बना रखा है. उनकी सलामती को लेकर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.
3 इस्राएली और 369 फलीस्तीनी छठे दौर की अदला बदली में रिहा
हमास के नेता इज्जत अल रिश्क ने नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि वह अपनी धुर दक्षिणपंथी सरकार को बचाने के लिए हमलों का सहारा ले रहे हैं. हमास के नेता ने शांति समझौता कराने वाले मध्यस्थों से भी "तथ्य उजागर" करने को कहा.
हमला मुसलमानों के पवित्र महीने रमजान में किया गया है. कार्रवाई को जायज ठहराते हुए नेतन्याहू के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी किया. इसमें कहा गया है कि, "अब से इस्राएल, हमास के खिलाफ बढ़ती सैन्य ताकत से कार्रवाई करेगा." इस बयान से ऐसा लगता है जैसे इस्राएल आगे भी हमले करता रहेगा.
अमेरिका को दी थी हमले की जानकारी
रिपोर्टों के मुताबिक मंगलवार तड़के किए गए हमलों से पहले नेतन्याहू ने सोमवार देर शाम अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन को इसकी जानकारी दी थी. अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय की प्रेस सचिव कैरोलाइन लिविट ने अमेरिकी न्यूज चैनल फॉक्स न्यूज के एक प्रोग्राम में कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप साफ कर चुके हैं कि, हमास, हूथी, ईरान, समेत वे सब जो सिर्फ इस्राएल ही नहीं बल्कि अमेरिका को भी आतंकित करने की मंशा रखते हैं, वे इसका अंजाम भुगतेंगे- उन पर कहर बरपेगा."
इस्राएल में इस वक्त नेतन्याहू के खिलाफ बड़े स्तर पर प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि नेतन्याहू बंधक संकट को ठीक से नहीं निभा पा रहे हैं. हाल ही में नेतन्याहू ने इस्राएल की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख को भी बर्खास्त कर दिया. हमलों के बाद नेतन्याहू के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमे की सुनवाई भी बाधित हो सकती है.
ओएसजे/सीके (एपी, एएफपी)