सीरियाई शरणार्थियों को घर जाने की अनुमति देगा जर्मनी

जर्मन गृह मंत्रालय के नए प्रस्ताव में अगर कोई शरणार्थी अपने देश की यात्रा इस मकसद से करना चाहता है ताकि वह भविष्य में हमेशा के लिए वापस जा सके, तो उसे इजाजत दी जा सकती है.

विदेश Deutsche Welle|
सीरियाई शरणार्थियों को घर जाने की अनुमति देगा जर्मनी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

जर्मन गृह मंत्रालय के नए प्रस्ताव में अगर कोई शरणार्थी अपने देश की यात्रा इस मकसद से करना चाहता है ताकि वह भविष्य में हमेशा के लिए वापस जा सके, तो उसे इजाजत दी जा सकती है.जर्मन गृह मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने हाल में कहा कि जर्मन सरकार सीरियाई शरणार्थियों का सुरक्षा दर्जा खत्म किए बिना, उनको एक तय समय के लिए अपने देश जाने की अनुमति दे सकती है. फिलहाल लागू होने वाले कानून के मुताबिक, कोई कोई शरणार्थी उस देश मे�>

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    सीरियाई शरणार्थियों को घर जाने की अनुमति देगा जर्मनी

    जर्मन गृह मंत्रालय के नए प्रस्ताव में अगर कोई शरणार्थी अपने देश की यात्रा इस मकसद से करना चाहता है ताकि वह भविष्य में हमेशा के लिए वापस जा सके, तो उसे इजाजत दी जा सकती है.

    विदेश Deutsche Welle|
    सीरियाई शरणार्थियों को घर जाने की अनुमति देगा जर्मनी
    प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

    जर्मन गृह मंत्रालय के नए प्रस्ताव में अगर कोई शरणार्थी अपने देश की यात्रा इस मकसद से करना चाहता है ताकि वह भविष्य में हमेशा के लिए वापस जा सके, तो उसे इजाजत दी जा सकती है.जर्मन गृह मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने हाल में कहा कि जर्मन सरकार सीरियाई शरणार्थियों का सुरक्षा दर्जा खत्म किए बिना, उनको एक तय समय के लिए अपने देश जाने की अनुमति दे सकती है. फिलहाल लागू होने वाले कानून के मुताबिक, कोई कोई शरणार्थी उस देश में वापस जाता है, जहां से वह डर कर भागा था, तो कानूनी रूप से उसका शरणार्थी दर्जा छिना जा सकता है.

    लेकिन पिछले साल दिसंबर में सीरियाई तानाशाह बशर अल असद की सत्ता ढहने के बाद से बर्लिन ने सीरिया के साथ फिर से कूटनीतिक संबंध मजबूत करने की कोशिश की है. और दमिश्क में जर्मन दूतावास भी दोबारा खोला गया है.

    जर्मनी यह बदलाव क्यों ला रहा है?

    इस प्रस्ताव के तहत, जर्मनी में रह रहे सीरियाई शरणार्थियों को चार हफ्तों के लिए या दो-दो हफ्तों के लिए दो बार अपने देश जाने की इजाजत दी जाएगी. गृह मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रस्ताव का मकसद सीरियाई लोगों को अपनेवतन वापस जाने का फैसला खुद से और स्वेच्छा से करने में मदद करना है. उन्होंने कहा, "इसके लिए लोगों को खुद जाकर देखना होगा कि अगर उनका घर अब भी सुरक्षित है या उनके रिश्तेदार अब भी जिंदा है या नहीं.”

    बयान में यह भी कहा गया कि अगर सीरिया की स्थिति सुधरती है, तो बड़ी संख्या में शरणार्थियों की वापसी के लिए ऐसे दौरे आवश्यक होंगे. उन्होंने बताया कि इन यात्राओं की अनुमति "कुछ शर्तों” के साथ ही दी जाएगी. अगर शरणार्थी "हमेशा के लिए वापसी की मंशा” लेकर जाना चाह रहे हो, तो उन्हें अपनी यात्रा की जानकारी संबंधित प्रवासी विभाग को पहले से देनी होगी.

    सीएसयू ने प्रस्ताव को खारिज किया

    जर्मनी की क्रिश्चियन सोशलिस्ट यूनियन पार्टी (सीएसयू) और बवेरिया राज्य के गृह मंत्री ने इस प्रस्ताव को खारिज किया है. बवेरिया के गृह मंत्री योआखिम हैरमन ने इन यात्राओं को "तथ्य-जांच के बहाने से की जाने वाली छुट्टियां” करार दिया. उन्होंने जर्मनी और सीरिया के बीच "अनियंत्रित यात्रा” के खिलाफ कहा कि "राष्ट्रीय स्तर पर फैसले” लेने की बजाय पूरे यूरोप के अनुसार समाधान ढूंढना चाहिए.

    सीरियाई डॉक्टर लौट गए तो कितना परेशान होगा जर्मनी

    सीएसयू ने फरवरी में जर्मनी के आम चुनावों में अपनी सहयोगी पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक यूनियन (सीडीयू) के साथ मिलकर बहुमत हासिल किया है. जर्मनी की भावी केंद्र सरकार में संघीय गृह मंत्रालय सीएसयू को मिलने की संभावना है. पार्टी आप्रवासन नीतियों को सख्त करने की योजना बना रही है.

    दिसंबर में बशर अल-असद की सत्ता ढहने के अगले ही दिन से जर्मन अधिकारियों ने सीरियाई नागरिकों की शरणार्थी प्रक्रियाएं अस्थायी रूप से रोक दी थी. जर्मनी के साथ-साथ कई अन्य यूरोपीय देशों ने भी ऐसा ही कदम उठाया.

    जर्मनी में दस लाख से अधिक सीरियाई लोग रहते हैं. इनमें से ज्यादातर लोग खून-खराबे वाले लंबे गृह युद्ध के दौरान अपना देश छोड़कर भागे थे.

    कियारा बाचेल्स/एसएम

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    प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

    जर्मन गृह मंत्रालय के नए प्रस्ताव में अगर कोई शरणार्थी अपने देश की यात्रा इस मकसद से करना चाहता है ताकि वह भविष्य में हमेशा के लिए वापस जा सके, तो उसे इजाजत दी जा सकती है.जर्मन गृह मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने हाल में कहा कि जर्मन सरकार सीरियाई शरणार्थियों का सुरक्षा दर्जा खत्म किए बिना, उनको एक तय समय के लिए अपने देश जाने की अनुमति दे सकती है. फिलहाल लागू होने वाले कानून के मुताबिक, कोई कोई शरणार्थी उस देश में वापस जाता है, जहां से वह डर कर भागा था, तो कानूनी रूप से उसका शरणार्थी दर्जा छिना जा सकता है.

    लेकिन पिछले साल दिसंबर में सीरियाई तानाशाह बशर अल असद की सत्ता ढहने के बाद से बर्लिन ने सीरिया के साथ फिर से कूटनीतिक संबंध मजबूत करने की कोशिश की है. और दमिश्क में जर्मन दूतावास भी दोबारा खोला गया है.

    जर्मनी यह बदलाव क्यों ला रहा है?

    इस प्रस्ताव के तहत, जर्मनी में रह रहे सीरियाई शरणार्थियों को चार हफ्तों के लिए या दो-दो हफ्तों के लिए दो बार अपने देश जाने की इजाजत दी जाएगी. गृह मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रस्ताव का मकसद सीरियाई लोगों को अपनेवतन वापस जाने का फैसला खुद से और स्वेच्छा से करने में मदद करना है. उन्होंने कहा, "इसके लिए लोगों को खुद जाकर देखना होगा कि अगर उनका घर अब भी सुरक्षित है या उनके रिश्तेदार अब भी जिंदा है या नहीं.”

    बयान में यह भी कहा गया कि अगर सीरिया की स्थिति सुधरती है, तो बड़ी संख्या में शरणार्थियों की वापसी के लिए ऐसे दौरे आवश्यक होंगे. उन्होंने बताया कि इन यात्राओं की अनुमति "कुछ शर्तों” के साथ ही दी जाएगी. अगर शरणार्थी "हमेशा के लिए वापसी की मंशा” लेकर जाना चाह रहे हो, तो उन्हें अपनी यात्रा की जानकारी संबंधित प्रवासी विभाग को पहले से देनी होगी.

    सीएसयू ने प्रस्ताव को खारिज किया

    जर्मनी की क्रिश्चियन सोशलिस्ट यूनियन पार्टी (सीएसयू) और बवेरिया राज्य के गृह मंत्री ने इस प्रस्ताव को खारिज किया है. बवेरिया के गृह मंत्री योआखिम हैरमन ने इन यात्राओं को "तथ्य-जांच के बहाने से की जाने वाली छुट्टियां” करार दिया. उन्होंने जर्मनी और सीरिया के बीच "अनियंत्रित यात्रा” के खिलाफ कहा कि "राष्ट्रीय स्तर पर फैसले” लेने की बजाय पूरे यूरोप के अनुसार समाधान ढूंढना चाहिए.

    सीरियाई डॉक्टर लौट गए तो कितना परेशान होगा जर्मनी

    सीएसयू ने फरवरी में जर्मनी के आम चुनावों में अपनी सहयोगी पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक यूनियन (सीडीयू) के साथ मिलकर बहुमत हासिल किया है. जर्मनी की भावी केंद्र सरकार में संघीय गृह मंत्रालय सीएसयू को मिलने की संभावना है. पार्टी आप्रवासन नीतियों को सख्त करने की योजना बना रही है.

    दिसंबर में बशर अल-असद की सत्ता ढहने के अगले ही दिन से जर्मन अधिकारियों ने सीरियाई नागरिकों की शरणार्थी प्रक्रियाएं अस्थायी रूप से रोक दी थी. जर्मनी के साथ-साथ कई अन्य यूरोपीय देशों ने भी ऐसा ही कदम उठाया.

    जर्मनी में दस लाख से अधिक सीरियाई लोग रहते हैं. इनमें से ज्यादातर लोग खून-खराबे वाले लंबे गृह युद्ध के दौरान अपना देश छोड़कर भागे थे.

    कियारा बाचेल्स/एसएम

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