
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने अरब सागर में कराची के पास मिसाइल परीक्षण की घोषणा की है. समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, पाकिस्तान ने 24 और 25 अप्रैल के बीच अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करने की नोटिस जारी की है. भारतीय रक्षा एजेंसियां इस पूरे घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए हैं. यह कदम ऐसे समय में आया है जब भारत ने आतंकवादी हमले के बाद कई सख्त राजनयिक और रणनीतिक फैसले लिए हैं.
Pahalgam Terror Attack: सिंधु जल समझौता रोकने का पाकिस्तान पर क्या होगा असर? यहां पढ़ें डिटेल में.
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसारन घाटी में आतंकियों द्वारा किए गए हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जिसे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन माना जाता है. भारत का मानना है कि यह हमला चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने और सीमा पार के आतंक ढांचे की सक्रियता का संकेत है.
इस हमले के महज 48 घंटों में पाकिस्तान की ओर से मिसाइल परीक्षण की सूचना ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है.
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की आपात बैठक हुई, जिसमें निम्नलिखित निर्णय लिए गए:
- 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया.
- अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को बंद कर दिया गया.
- SAARC वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानियों को मिलने वाली सभी यात्रा छूटें रद्द.
- पाकिस्तानी रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को भारत छोड़ने का एक सप्ताह का समय.
- भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का निर्देश.
- पाकिस्तानी सरकार का आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) खाता भारत में ब्लॉक किया गया.
भारत का पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस को बताया, "पहलगाम जैसी घटनाएं अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. जिन्होंने यह हमला प्रायोजित किया है, उन्हें जवाबदेह बनाया जाएगा." भारत सरकार ने कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को हमेशा के लिए खत्म करने का ठोस और विश्वसनीय प्रमाण नहीं देता, तब तक संधियों, वीजा और अन्य राजनयिक लाभों को बहाल नहीं किया जाएगा.