
तेलंगाना से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में एक महत्वपूर्ण अपील की है. उन्होंने अपनी अपील में भारतीय मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वे शुक्रवार (नमाज़-ए-जुम्मा) के दौरान अपनी बांहों पर काली पट्टी बांधकर मस्जिदों में जाएं.
ओवैसी ने इस अपील के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया कि भारतीय नागरिक किसी भी हाल में विदेशी ताकतों के प्रयासों से देश की शांति और एकता को कमजोर नहीं होने देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इस आतंकवादी हमले की वजह से शर-परस्तों को अपने कश्मीरी भाइयों को निशाना बनाने का एक और मौका मिल गया है, और इसलिए पूरे देशवासियों को एकजुटता और सतर्कता दिखानी चाहिए.
इस हमले के बाद कश्मीरियों के खिलाफ शर-परस्तों द्वारा हिंसा और असहमति फैलाने की कोशिशें हो सकती हैं. ओवैसी ने अपने संदेश में भारतीयों से अपील की कि वे इन चालों में न फंसे और सभी को धर्म, जाति या क्षेत्र के आधार पर विभाजित करने की बजाय एकजुट होकर इस संकट का सामना करें.
पहलगाम के आतंकी हमले के सिलसिले में मेरी अपील: कल जब आप नमाज़-ए-जुम्मा पढ़ने जायेंगे तो आपने बांह पर काली पट्टी बांधकर जाएँ। इस से हम यह पैग़ाम भेजेंगे की हम भारतीय विदेशी ताक़तों को भारत के अमन और इत्तेहाद को को कमजोर करने नहीं देंगे। इस हमले की वजह से शर-परस्तों को हमारे… pic.twitter.com/r6uYdzQiOf
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 24, 2025
उनकी इस अपील का उद्देश्य भारतीय समाज में भाईचारे और समरसता को बनाए रखना है, ताकि दुश्मन देश और ताकतें भारतीय एकता को तोड़ने में सफल न हो सकें. ओवैसी का मानना है कि भारतीय समाज की ताकत उसकी विविधता में ही है, और ऐसे समय में सभी को अपनी एकजुटता दिखानी चाहिए.
ओवैसी की अपील का संदेश केवल मुस्लिम समुदाय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी भारतीय जनता से जुड़ा हुआ है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह समय है जब भारतीयों को न केवल आतंकवादियों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए, बल्कि कश्मीरी लोगों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और असहमति को भी खत्म करने की दिशा में कदम उठाना चाहिए.
इस अपील के साथ ही ओवैसी ने यह भी कहा कि भारतीय मुस्लिमों को यह दिखाना होगा कि वे देश की सुरक्षा और अखंडता के प्रति प्रतिबद्ध हैं और आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं. यह पहल न केवल भारतीय मुस्लिम समाज की एकता को मजबूत करती है, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है जो भारतीय समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं.