Maharashtra's New Chief Minister: 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद, भाजपा-समर्थित महायुति गठबंधन अगले सरकार बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है. शपथ ग्रहण समारोह सोमवार, 25 नवंबर को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा, ऐसा रिपोर्ट्स में कहा गया है.
हालाँकि शपथ ग्रहण समारोह की घोषणा हो चुकी है, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर असमंजस बना हुआ है. महायुति, जिसमें भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में) और राकांपा (अजीत पवार के नेतृत्व में) शामिल हैं, ने जोरदार जीत हासिल की और विपक्षी महा विकास आघाडी (MVA) को हराकर सत्ता में वापसी की है.
विधानसभा चुनावों में पार्टीवार परिणाम
भा.ज.पा. ने 288 विधानसभा सीटों में से 132 सीटें जीतकर अपना दबदबा कायम किया है, और 148 सीटों में से 132 सीटों पर शानदार जीत हासिल की. इसके सहयोगी दलों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है, शिवसेना ने 57 सीटें जीतीं और राकांपा (अजीत पवार गुट) ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की. इसके विपरीत, MVA गठबंधन को बड़ा झटका लगा. शिवसेना (UBT) ने 20 सीटें जीतीं, कांग्रेस को 16 सीटें मिलीं और राकांपा (शरद पवार गुट) ने केवल 10 सीटों पर जीत हासिल की.
चुनाव परिणामों में उलटफेर
यह चुनाव महायुति के लिए एक बड़ा उलटफेर साबित हुआ. पांच महीने पहले, लोकसभा चुनावों में महायुति गठबंधन को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था, जिसमें उसने महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से केवल 17 पर जीत हासिल की थी. इस हार ने MVA को विश्वास दिलाया था कि राज्य चुनावों में वह अपनी सफलता को दोहराएंगे. लेकिन महाराष्ट्र में शानदार जीत और हरियाणा में भी मजबूत रुझानों ने भाजपा के राजनीतिक मंच पर फिर से मजबूत वापसी का संकेत दिया.
मुख्यमंत्री पद पर असमंजस
हालांकि महायुति की जीत के बाद सत्ता में वापसी हुई है, मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी स्थिति स्पष्ट नहीं है. एकनाथ शिंदे, जिन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था, ने शिवसेना को 57 सीटों तक पहुंचाया, लेकिन भाजपा ने उनकी पदस्थापना को लेकर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं दी है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संकेत दिया कि यह निर्णय तीनों गठबंधन दलों के राष्ट्रीय नेतृत्व पर छोड़ा जाएगा. इस बयान ने यह कयास लगाए हैं कि भाजपा मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा पेश कर सकती है.
भाजपा की जीत और भविष्य
20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों ने यह स्पष्ट कर दिया कि भाजपा ने अपने राजनीतिक आधार को मजबूत किया है और अपने सहयोगियों को एकजुट करके प्रभावी तरीके से चुनाव लड़ा. जबकि कुछ एग्जिट पोल्स ने मुकाबला नजदीकी होने की संभावना जताई थी, महायुति की निर्णायक जीत ने उसकी राजनीतिक ताकत को साबित किया है. विधानसभा में 288 सीटों में से 145 सीटों का बहुमत चाहिए था, जिसे महायुति ने आसानी से पार कर लिया. इस जीत ने न केवल भाजपा की महाराष्ट्र में मजबूती को और पुख्ता किया है, बल्कि पार्टी को एक नई राजनीतिक ऊर्जा भी दी है. आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में क्या राजनीतिक घटनाक्रम सामने आते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा.