Bangladesh Crisis: केंद्रीय विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ने बांग्लादेश की स्थिति पर राज्यसभा में बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कई दशकों तक भारत-बांग्लादेश के रिश्ते असाधारण रूप से घनिष्ठ रहे हैं. हाल ही में हुई हिंसा और अस्थिरता के बारे में राजनीतिक स्पेक्ट्रम में चिंता साझा की गई है. 2024 में चुनाव के बाद से, बांग्लादेश की राजनीति में काफी तनाव, गहरा विभाजन और बढ़ता ध्रुवीकरण हुआ है. इस अंतर्निहित आधार ने इस साल जून में शुरू हुए छात्र आंदोलन को और बढ़ा दिया. सार्वजनिक भवनों और बुनियादी ढांचे के साथ-साथ यातायात और रेल अवरोधों पर हमलों सहित हिंसा बढ़ रही थी. जुलाई तक हिंसा जारी रही; इस अवधि के दौरान, हमने बार-बार संयम बरतने की सलाह दी और आग्रह किया कि बातचीत के जरिए स्थिति को शांत किया जाए.
''4 अगस्त को, घटनाओं ने बहुत गंभीर मोड़ ले लिया. पुलिस स्टेशनों और सरकारी प्रतिष्ठानों सहित पुलिस पर हमले तेज हो गए, जबकि कुल मिलाकर हिंसा का स्तर बहुत बढ़ गया. विशेष रूप से चिंताजनक बात यह थी कि अल्पसंख्यकों, उनके व्यवसायों और मंदिरों पर भी कई स्थानों पर हमला किया गया''
बांग्लादेश में हिंदुओं और मंदिरों को निशाना बनाया गया: एस जयशंकर
VIDEO | "India-Bangladesh relations have been exceptionally close for many decades over many governments. Concern about recent violence and instability there is shared across the political spectrum... Since the election in 2024, there has been considerable tension, deep divide… pic.twitter.com/9DKaq8QxWI
— Press Trust of India (@PTI_News) August 6, 2024
बांग्लादेश की स्थिति पर राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ने आगे कहा कि 5 अगस्त 2024 को कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में एकत्र हुए. हमारी समझ यह है कि सुरक्षा प्रतिष्ठानों के नेताओं के साथ बैठक के बाद, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्पष्ट रूप से इस्तीफा देने का फैसला किया. उन्होंने बहुत कम समय में कुछ समय के लिए भारत आने की मंजूरी मांगी. वे कल शाम दिल्ली पहुंची हैं. हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ निकट और निरंतर संपर्क में हैं. वहां अनुमानित 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 9000 छात्र हैं. जुलाई में अधिकांश छात्र वापस लौट आए थे.
विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ने कहा कि हम अल्पसंख्यकों की स्थिति के संबंध में भी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. उनकी सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न समूहों और संगठनों द्वारा पहल की खबरें हैं. स्वाभाविक रूप से हम कानून और व्यवस्था बहाल होने तक गहराई से चिंतित रहेंगे. इस जटिल स्थिति में हमारे सीमा सुरक्षा बलों को असाधारण रूप से सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है. पिछले 24 घंटों में हम ढाका में अधिकारियों के संपर्क में हैं.