नई दिल्ली: कृषि बिल के विरोध में किसानों (Farmers) का आंदोलन चौथे दिन लगातार जारी हैं. केंद्र सरकार द्वारा लागू नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. वहीं केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने किसानों के आंदोलन को लेकर अपने सफाई में कहा कि मैंने कभी भी किसानों के विरोध को राजनीति से प्रेरित नहीं कहा, न ही मैं अब कह रहा हूं.
इसके पहले शनिवार को गृहमंत्री अमित शाह ने किसानों से अपील की थी. किसान सिंधु बॉर्डर से हट जाएं और बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में चले जाएं. वहां जाने के बाद सरकार किसानों से बात करने को तैयार है. लेकिन सिंघु बॉर्डर पर हुई बैठक में किसानों ने फैसला लिया है कि वह बॉर्डर पर ही डटे रहेंगे. किसानों का कहना है कि कृषि बिल को वापस लेने को लेकर इस बार वे सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे और दिल्ली जा कर ही रहेंगे. यह भी पढ़े: Farmers Protest: गृहमंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को प्रदर्शनकारी किसानों ने ठुकराया, बोले कोई शर्त मंजूर नहीं
I never called the farmers’ protest politically motivated, neither I am calling it now: Home Minister Amit Shah in Hyderabad. pic.twitter.com/6kVTbUhSPk
— ANI (@ANI) November 29, 2020
वहीं किसानों द्वारा अमित शाह के प्रस्ताव को ठुकराए जाने के बाद उन्होंने कहा कि शाह ने कह कि शनिवार को किसानों को बुराड़ी में निर्धारित ग्राउंड में एकत्र होने की अपील की थी.यह अलग बात है कि किसानों ने यह ऑफर ठुकरा दिया है.
बता दें कि किसान 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को खत्म कर देगा और वे बड़े कॉपोर्रेट संस्थानों की दया पर निर्भर हो जाएंगे. जिसका पंजाब, हरियाणा समेत दूसरे राज्यों के किसान इन तीनों कानून का विरोध कर रहे है.