![तेलंगाना की हार से टूटा कांग्रेस-TDP का गठबंधन, अब अलग होकर लड़ेंगे चुनाव तेलंगाना की हार से टूटा कांग्रेस-TDP का गठबंधन, अब अलग होकर लड़ेंगे चुनाव](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2019/01/Chandrababu-Naidu-rahul-Gandhi-3-1-380x214.jpg)
तेलंगाना विधानसभा चुनाव (Telangana Assembly election) में तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और कांग्रेस का गठबंधन असफल होने के बाद आन्ध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में आगामी चुनावों में कांग्रेस और टीडीपी ने अकेले लड़ने का फैसला किया है. यह फैसला दोनों पार्टियों ने काफी सोच समझकर लिया है. तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और टीडीपी मिलकर चुनावी मैदान में उतरी थी, लेकिन ये प्रयोग सफल नहीं हो सका. जिसके बाद अब दोनों पार्टियां अकेले-अकेले चुनाव लड़ेंगी. हालांकि माना जा रहा है कि चुनाव के बाद दोनों पार्टियां एक साथ आ जाएंगी.
कांग्रेस के महासचिव और केरल के पूर्व सीएम ओमान चांडी (Oommen Chandy) ने साफ कर दिया कि आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी टीडीपी के साथ कांग्रेस कोई गठबंधन नहीं करेगी. चांडी ने कहा कि हम 175 विधानसभा सीटों और 25 लोकसभा सीटों पर अकेले लड़ेंगे. टीडीपी हमारे साथ केवल राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन में है राज्य में नहीं. चांडी ने यह भी कहा कि वह 31 जनवरी को चुनाव की तैयारियों के मुद्दे पर बैठक करेंगे. राज्य कांग्रेस ने फरवरी में सभी 13 जिलों में बस यात्रा करने का फैसला किया है. यह भी पढ़ें- आंध्र प्रदेश: सीएम चंद्रबाबू नायडू का महिलाओं को बड़ा तोहफा, 10 हजार रुपए और स्मार्टफोन देगी राज्य सरकार
बता दें कि तेलंगाना के कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी से टीडीपी से गठबंधन तोड़ने की मांग की थी. वह नहीं चाहते थे कि दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ें. तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को टीडीपी के साथ गठबंधन करने का इसीलिए नुकसान उठाना पड़ा, उसकी 21 से घटकर 19 सीटें रह गई हैं.
अलग-अलग चुनाव लड़ने से दोनों पार्टियों का फायदा
आंध्र प्रदेश की बात करें तो यहां रेड्डी और कम्मा दो समुदाय सियासी तौर पर काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. कांग्रेस का मूलवोट बैंक रेड्डी हैं तो टीडीपी का आधार कम्मा समुदाय के बीच है. प्रदेश की सियासत में कांग्रेस और टीडीपी एक दूसरे के विरोधी रहे हैं. कांग्रेस-टीडीपी अगर गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरते तो रेड्डी समुदाय कांग्रेस की बजाय जगन मोहन रेड्डी की पार्टी में शिफ्ट हो जाता. इसके अलावा टीडीपी सरकार के खिलाफ जो सत्ता विरोधी वोट है वो भी कांग्रेस की बजाय जगन के साथ जाने का खतरा है. इसी बात को समझते हुए दोनों ने गठबंधन कर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है.