
Maharana Pratap Jayanti 2025 Wishes: महाराणा प्रताप (1568-1597 ई.) भारत के राजस्थान में मेवाड़ के एक हिंदू राजपूत राजा थे. महाराणा प्रताप राजपूतों के सिसोदिया वंश से थे. उनकी बहादुरी और साहस के लिए राजस्थान के कई शाही परिवार उन्हें पूजते हैं. ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, महाराणा प्रताप का जन्म जूलियन कैलेंडर के अनुसार 9 मई, 1540 को हुआ था. जूलियन कैलेंडर अप्रचलित हो चुका है और इसे ग्रेगोरियन कैलेंडर ने बदल दिया है. प्रोलेप्टिक ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म 29 मई, 1540 को हुआ था. हालांकि, महाराणा प्रताप की जयंती (Maharana Pratap Jayanti) हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाई जाती है. चाहे जूलियन कैलेंडर हो या ग्रेगोरियन कैलेंडर, महाराणा प्रताप की जयंती की हिंदू तिथि एक ही दिन पड़ती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म तृतीया, ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष, 1597 विक्रम संवत को हुआ था. महाराणा प्रताप को मुगल सम्राट अकबर के खिलाफ अपने राज्य की रक्षा के लिए हल्दीघाटी के युद्ध के लिए जाना जाता है. यह भी पढ़ें: Maharana Pratap Jayanti 2025 Messages: महाराणा प्रताप की जयंती पर इन हिंदी Quotes, SMS और WhatsApp Stickers भेजकर करें उन्हें याद!
महाराणा प्रताप जयंती 2025 महान योद्धा की 485वीं जयंती होगी. उनका जन्म राजस्थान के कुंभलगढ़ में हुआ था. उनके पिता उदयपुर के संस्थापक महाराणा उदय सिंह द्वितीय थे और उनकी माता महारानी जयवंताबाई बाई थीं. भारत के कई राज्य, खासकर राजस्थान, इस दिन को एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में मनाते हैं. स्कूल, सरकारी संस्थान और ऐतिहासिक समाज उनकी बहादुरी का सम्मान करने के लिए कार्यक्रम, सेमिनार और कार्यक्रम आयोजित करते हैं. महाराणा प्रताप जयंती 2025 पर उनकी याद में पुष्पांजलि, जुलूस और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.
महाराणा प्रताप वर्तमान राजस्थान में मेवाड़ साम्राज्य के 13वें शासक थे. सिसोदिया राजवंश के एक महान राजपूत योद्धा, उन्हें मुगल साम्राज्य, विशेष रूप से सम्राट अकबर के खिलाफ उनके अटूट प्रतिरोध के लिए सम्मानित किया जाता है. साथ ही शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, कोट्स, फेसबुक मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टेटस को शेयर कर अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1. अन्याय, अधर्म का विनाश
करना संपूर्ण मानव जाति का कर्तव्य है.
जय महाराणा प्रताप

2. जो लोग अत्यंत विकट परिस्थिति में झुकते नहीं हैं
और हार भी नहीं मानते हैं वो लोग हारकर भी जीत जाते हैं.
जय महाराणा प्रताप

3. समय बहुत बलवान होता है जो राजा को भी
घास की रोटी खिला सकता है. जय महाराणा प्रताप

4. उनका साहस और समर्पण हमेशा हमें प्रेरित करता रहेगा.
महाराणा प्रताप की जयंती पर उन्हें नमन

5. सच्चे योद्धा वो होते हैं, जो कभी हार नहीं मानते.
महाराणा प्रताप की जयंती पर उन्हें सलाम!

महाराणा प्रताप ने मुगलों के खिलाफ कई लड़ाइयाँ लड़ीं, लेकिन सबसे उल्लेखनीय हल्दीघाटी का युद्ध है. हालांकि, उन्होंने मेवाड़ की पहाड़ियों में छोटे गुरिल्ला युद्ध, घात और झड़पों का भी नेतृत्व किया. हालाँकि वे कुछ युद्ध हार गए, लेकिन महाराणा प्रताप ने कभी हार नहीं मानी. उनकी रणनीति जंगल में वापस चले जाना और फिर से हमला करना था. 1585 तक वे अपने खोए हुए अधिकांश क्षेत्र को वापस पाने में सफल रहे, जिससे यह साबित हुआ कि दृढ़ संकल्प और दृढ़ संकल्प हार के बाद भी सम्मान वापस ला सकते हैं.