मोदी कभी भारत के दुश्मनों को नहीं भूलते! ताहव्वुर राणा की गिरफ्तारी पर वायरल हुआ PM मोदी का 2011 का Video
PM Modi | PTI

नई दिल्ली: जब से 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड ताहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया गया है, एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त चर्चा में है. यह वीडियो 2011 का है, जब नरेंद्र मोदी विपक्ष में रहते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री थे. उस वक्त अमेरिका ने राणा को मुंबई हमलों से जुड़े आरोपों से बरी कर दिया था, जिसे लेकर मोदी ने तत्कालीन यूपीए सरकार की विदेश नीति पर कड़ा हमला बोला था.

Tahawwur Rana: तहव्वुर राणा से पूछताछ शुरू करेगी NIA, खुलेंगे मुंबई हमले से जुड़े गहरे राज.

वीडियो में PM मोदी कहते हैं, "अमेरिका के शिकागो की अदालत ने राणा को छोड़ने का आदेश दिया है. यह फैसला आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हर ताकत और सरकार के लिए एक बड़ा सवाल है. भारत सरकार को इस पर तुरंत जवाब देना चाहिए."

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था, "अगर भारत सरकार ने इस पर कड़ा रुख नहीं अपनाया, तो एक के बाद एक अपराधी अमेरिका भागेंगे, वहीं उनके केस चलेंगे और वहां की अदालतें उन्हें निर्दोष घोषित कर देंगी."

वायरल हुआ PM मोदी का पुराना वीडियो

विदेश नीति पर भी उठाए थे सवाल

तत्कालीन यूपीए सरकार की विदेश नीति पर कटाक्ष करते हुए, मोदी ने लिखा था, "अमेरिका द्वारा ताहव्वुर राणा को निर्दोष घोषित करना भारत की संप्रभुता का अपमान है और यह हमारी विदेश नीति की एक बड़ी असफलता है."

सोशल मीडिया पर समर्थन: "मोदी कभी भारत के दुश्मनों को नहीं भूलते"

जैसे ही राणा की भारत वापसी और गिरफ्तारी की खबर आई, सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने पीएम मोदी को उनके पुराने वादे को निभाने के लिए सराहा. कई यूजर्स ने लिखा, "मोदी जो कहते हैं, वो करते हैं. उन्होंने वाकई भारत के दुश्मनों को न्याय के कटघरे तक लाकर दिखाया है."

NIA की हिरासत में ताहव्वुर राणा

64 वर्षीय राणा को दिल्ली लाए जाने के तुरंत बाद NIA ने गिरफ्तार किया. रात में पटियाला हाउस कोर्ट में पेश करने के बाद अदालत ने उसे 29 अप्रैल तक NIA की हिरासत में भेज दिया. अब वह दिल्ली स्थित एजेंसी के मुख्यालय की उच्च सुरक्षा वाली सेल में पूछताछ का सामना कर रहा है.

तीन मोर्चों पर होगी पूछताछ

NIA की 12 सदस्यीय टीम, जिसका नेतृत्व DIG जया रॉय कर रही हैं, राणा से मुख्य रूप से इन तीन बिंदुओं पर पूछताछ करेगी. 26/11 हमलों की साजिश में उसकी भूमिका, लश्कर-ए-तैयबा से उसके संबंध, ISI यानी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ उसका गठजोड़.

ताहव्वुर राणा की भारत वापसी और गिरफ्तारी ना केवल भारत की सुरक्षा एजेंसियों की सफलता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जो देश के दुश्मन हैं, उन्हें कभी माफ नहीं किया जाएगा.