मुंबई में मेट्रो रेल अथॉरिटी ने पारसी समुदाय को राहत देते हुए कालबादेवी मेट्रो स्टेशन को पारसियों के मंदिर वादिय आतश बेहराम से 20 मीटर दूरी पर बनाने का फैसला लिया. सोमवार को मेट्रो अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि वह मेट्रो स्टेशन को 20 मीटर दूरी पर बनाने के लिए तैयार है. बता दें कि दक्षिण मुंबई के प्रिंसेस स्ट्रीट जंक्शन में मौजूद पारसियों का यह फायर टेम्पल 1830 में स्थापित हुआ था और यह भारत के आठ आतश बेहराम (पारसियों का प्रार्थना स्थल) में से एक है. इससे पहले यह अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन मंदिर के काफी काफी नजदीक दो मीटर से ज्यादा के ओवरलैप के साथ बनाया जाना था.
पिछले साल, संरचनात्मक इंजिनियर जमशेद सुखदवाला अपने समुदाय के कुछ सदस्यों के साथ मिलकर मामले को कोर्ट में लेकर गए और मंदिर के नीचे सुरंग खोदने की योजना का विरोध किया. पारसी समुदाय लंबे समय से इसका विरोध कर रहा था. याचिकाकर्ताओं ने सुरंग को मंदिर परिसर के बाहर करते हुए नए सिरे से तैयार करने की अपील भी की थी. हालांकि कोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया था और टनल को मंदिर परिसर के साथ ही 3.5 मीटर तक ओवरलैप करने की अनुमति दी. साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती निर्देश दिए कि इससे मंदिर की संरचना पर कोई आंच न आए. यह भी पढ़ें- कुंभ में योगी कैबिनेट की अहम बैठक आज, होंगे कई बड़े फैसले
मुख्य याचिकाकर्ता जमशेद सुखदवाडिया ने कहा, 'मैं मेट्रो स्टेशन के साउथ एंड में एंट्री-एग्जिट बॉक्स को कम किए जाने के एमएमआरसी के स्टैंड से खुश हूं. हमारे समुदाय के पादरियों द्वारा नवंबर 2017 में उठाया गया मुद्दा अब सुलझ गया है. इस मुद्दे पर एमएमआरसी ने सुप्रीम कोर्ट को एक हलफनामे में कहा, 'कालबादेवी स्टेशन के खुदाई क्षेत्र को 22 मीटर कम कर दिया गया है. इसके परिणाम स्वरूप अब खुदाई आतश बेहराम की सबसे नजदीक वाली बाउंड्री से 19.8 मीटर की दूरी पर होगी.