![मुंबई: पारसियों की आबादी बढ़ाने के लिए लड़कों के लिए डेटिंग वर्कशॉप, Parasi लड़की का दिल जीतने के मिलेंगे टिप्स मुंबई: पारसियों की आबादी बढ़ाने के लिए लड़कों के लिए डेटिंग वर्कशॉप, Parasi लड़की का दिल जीतने के मिलेंगे टिप्स](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2019/09/Untitled-design-91-784x441-380x214.jpg)
मुंबई: 22 सितंबर को एक स्पेशल मीटिंग आयोजित की जाएगी, जहां पारसी समुदाय के कुछ प्रमुख लोग कुंवारे पारसी लड़कों को टिप्स देंगे कि कैसे अपने समुदाय की लड़कियों को डेट करें और उनसे शादी करें. मुंबई मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह पहल जाम-ए-जमशेद और जियो पारसी ने मिलकर की है. पैनेलिस्ट की एक टीम ह्यूगॉन रोड स्थित आरटीआई हॉल में 18-45 साल के बैचलर्स को टिप्स देगी. यह कार्यक्रम मुंबई में इस रविवार को होने वाला है और पैनलिस्ट पारसी समुदाय के सदस्य होंगे, जिन्होंने अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन दोनों में ऊँचाइयों को हासिल किया है.
पैनेलिस्टों में से एक और पेशे से एक डेंटिस्ट डॉ. अशदीन टर्नर (Dr Ashdin Turner) ने रिपोर्ट में कहा, "पारसी लड़के लाडले होते है और अपनी मां से बहुत ज्यादा अटैच होते हैं. मैं उन्हें विनम्र होने के लिए कहूंगा और डेट के दौरान अपनी मां के साथ फोन पर ज्यादा बात करने को नहीं कहूंगा, नहीं तो डेट डिजास्टर बन सकता है. उन्हें लड़की के लिए फूल ले जाने चाहिए और उसे नहीं बताना चाहिए कि फूलों का कलर्स उसकी मां ने चुना है. जियो पारसी भारत में पारसी समुदाय की आबादी में गिरावट को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा समर्थित योजना है. इस योजना में तीन घटक शामिल है. वकालत घटक, सामुदायिक घटक, स्वास्थ्य और चिकित्सा घटक. सरकार हर साल गवर्नमेंट फंडेड स्कीम, ऑफर और लाभ के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए कैम्पेन आयोजित करती है. पारसी समुदाय में उन दम्पत्तियों के लिए आईवीएफ उपचार मुफ्त दिए जाते हैं जो बच्चे पैदा करने की इच्छा रखते हैं.
देखें ट्वीट:
Wah, I want to attend this. Sounds like fun pic.twitter.com/SMEhIRAyd8
— mahafreed (@mahafreed) September 8, 2019
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वर्ष 2017 में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा शुरू किए गए जियो पारसी विज्ञापन, पारसियों को अपनी कम्युनिटी में शादी करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
साल 2001 की जनसंख्या के आंकड़ों के हिसाब से देश में 69 हज़ार से कम पारसी बचे थे. 'पारसी वेलफ़ेयर स्टेट' के आंकड़ों के हिसाब से अब ये आंकड़ा 60 हज़ार के क़रीब आ चुका है.