
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के साथ वार्ता को लेकर अपने पहले के रुख से यू-टर्न लिया है. बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान केंद्र शासित प्रदेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है और वर्तमान समय में वार्ता की कोई संभावना नहीं है. गौरतलब है कि पिछले वर्ष अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता का समर्थन किया था.
उमर अब्दुल्ला का बयान
उमर अब्दुल्ला ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान का जम्मू-कश्मीर में हस्तक्षेप कभी बंद हुआ. यह मानना मूर्खता होगी कि जो कुछ जम्मू-कश्मीर में हुआ वह पूरी तरह स्वदेशी था और उसमें बाहरी सहायता नहीं थी. हालांकि, पाकिस्तान को भारत सरकार की चिंताओं को समझने के लिए मनाने का प्रयास करना, ताकि एक सौहार्दपूर्ण कार्य संबंध स्थापित किया जा सके, यह राष्ट्रीय सम्मेलन का हमेशा से मानना रहा है."
जब उनसे पूछा गया कि क्या वर्तमान समय में पाकिस्तान के साथ बातचीत की कोई संभावना है, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "इस समय, वैसी कोई संभावना नहीं है जैसी हम देखना चाहते हैं. जब जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों में आतंकी हमले हुए हैं, सुरक्षा बलों को निशाना बनाया गया है, निर्माण स्थलों पर हमले हुए हैं, तो भारत सरकार को यह कहना मुश्किल हो जाता है कि उन्हें बातचीत करनी चाहिए."
अनुच्छेद 370 पर उमर अब्दुल्ला का बयान
जब उमर अब्दुल्ला से पूछा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्तता (अनुच्छेद 370) वापस मिलने की कोई संभावना है या नहीं, तो उन्होंने संक्षेप में उत्तर दिया, "नहीं, बिल्कुल नहीं." हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध रखना चाहते हैं.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024
पिछले वर्ष अक्टूबर में उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. 2024 के विधानसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 सीटें जीतीं, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने 6 सीटें हासिल कीं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 29 सीटें जीतीं, जबकि महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) केवल 3 सीटों पर सिमट गई.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के साथ वार्ता की वकालत की थी ताकि क्षेत्रीय मुद्दों का समाधान निकाला जा सके. हालांकि, अब उमर अब्दुल्ला के ताजा बयान से स्पष्ट है कि वर्तमान परिस्थितियों में पाकिस्तान के साथ वार्ता संभव नहीं दिख रही.