नई दिल्ली: सरकार की दवा नियामक एजेंसी एनपीपीए ने लाखों लोगों को राहत दी हैं. शुगर, ब्लड प्रेशर समेत कई जटिल बीमारियों से पीड़ित लोगों के इलाज में काम आने वाली 74 दवाओं की कीमत को तय कर दिया है. इसके अलावा मिर्गी के इलाज में काम आने वाली 80 दवाओं के दाम भी अब तय हो गया है. होली के त्योहार से पहले राजस्थान के वासियों को रेलवे ने दी कई ट्रेनों की सौगात.
दवाओं की कीमतों के नियामक एनपीपीए ने सोमवार को कहा कि उसने मधुमेह और उच्च रक्तचाप के इलाज की दवाओं समेत 74 दवाओं का खुदरा मूल्य तय कर दिया है. राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने गत 21 फरवरी को हुई प्राधिकरण की 109वीं बैठक में लिए गए फैसले के आधार पर औषधि (कीमत नियंत्रण) आदेश 2013 के तहत दवाओं की कीमतें तय की हैं.
अधिसूचना के अनुसार, एनपीपीए ने डेपाग्लिफ्लोजिन सिटाग्लिप्टिन और मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड (एक्सटेंडेड-रिलीज़ टैबलेट) की एक टैबलेट की कीमत 27.75 रुपये तय की है. इसी तरह एनपीपी ने ब्लड प्रेशर की दवा एल्मिसार्टन और बिसोप्रोलोल (elmisartan and Bisoprolol Fumar) के एक टैबलेट की कीमत 10.92 रुपये निर्धारित की है. जबकि वर्तमान में यह दवा 14 रुपये तक मिलती है.
कैंसर के इंजेक्शन की कीमत आधी
प्राधिकरण ने जिन 74 दवाओं के खुदरा मूल्य यानी रिटेल प्राइज को निर्धारित किया है उनमें कई दवाओं की कीमत दोगुना तक ज्यादा है. हालांकि उस कंपोजिशन में कुछ दवाओं की कीमत निर्धारित कीमत से भी कम है. पर एनपीपीए द्वारा मूल्य की सीमा तय करने के बाद कंपनियां इन 74 दवाओं की कीमत को इससे ज्यादा नहीं रख सकती. प्राधिकरण के इस फैसले से कैंसर के एक इंजेक्शन की कीमत आधी से भी कम रह जाएगी.
एनपीपीए ने मिर्गी और न्यूट्रोपेनिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा समेत 80 अनुसूचित दवाओं (एनएलईएम 2022) के अधिकतम मूल्य को भी संशोधित किया है. एनपीपीए औषधि (कीमत नियंत्रण) आदेश के प्रावधानों को लागू करने के साथ इनमें संशोधन भी करता है.