फिर जागा इमरान-सिद्धू प्रेम, करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास के लिए पाकिस्तान से आया न्योता
इमरान खान और नवजोत सिंह सिद्धू (Photo Credits: Facebook)

इस्लामाबाद: एक बार फिर पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच प्यार उमड़ा है. यहीं वजह है कि करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) शिलान्यास के लिए पाकिस्तान की ओर से पंजाब में मंत्री नवजोत को आमंत्रित किया गया है.

पाकिस्तान द्वारा करतारपुर गलियारे को खोलने पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने मित्र इमरान खान को धन्यवाद बोला था. सिद्धू ने सितंबर में मीडिया से कहा, "आज मेरी जिंदगी सफल हो गई." उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस धार्मिक गलियारे को खोलने का अपना वादा पूरा किया. सिद्धू ने यहां तक दावा किया कि पाकिस्तान सरकार ने भारत सरकार को करतारपुर गलियारे के मुद्दे पर बात करने के लिए आमंत्रित किया था.

सिद्धू ने कहा, "देखो मेरे मित्र ने क्या किया है. इसे करने के लिए मैं आपको लाख बार धन्यवाद देता हूं खान साब (इमरान खान)." उन्होंने कहा कि यह गुरु नानक के आशीर्वाद से संभव हो सका है.

गुरु नानक की 550वीं जयंती अगले वर्ष मनाई जाएगी. इससे पहले मोदी सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में कॉरिडोर निर्माण को मंजूरी दी. भारत सरकार सीमावर्ती शहर डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान से सटी अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक कॉरिडोर का निर्माण कराएगी. सरकार ने तय किया है कि पाकिस्तान से कॉरिडोर के बाकी भाग का निर्माण करवाने का आग्रह किया जाएगा.

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क्रिकेट से राजनीति में आए सिद्धू ने उन लोगों की खिल्ली उड़ाई थी, जिन्होंने इसके पहले इस मुद्दे पर उनके बयानों की और इमरान खान के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए आयोजित समारोह में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को गले लगाने के लिए आलोचना की थी.

गौरतलब हो कि गुरुद्वारा करतारपुर साहिब भारत-पाकिस्तान सीमा से 3 किलोमीटर की दूरी पर है. यहीं पर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपना अंतिम वक्त गुजारा था. करतारपुर गलियारा खुल जाने से भारत के श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित एक गुरुद्वारे के दर्शन करने वहां जा सकेंगे, जो सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव से जुड़ा हुआ है.

अगस्त 1947 में विभाजन के बाद यह गुरुद्वारा पाकिस्तान के हिस्से में चला गया. लेकिन सिख धर्म और इतिहास के लिए यह बड़े महत्व का है. कर्ज मांगने के लिए दो महीने में दूसरी बार UAE पहुंचे इमरान खान, इसके बाद जाएंगे मलेशिया